Solar Eclipse 2019: ठीक एक महीने बाद लगेगा साल का आखिरी सूर्यग्रहण, जानें क्या करें और क्यों है खास
Solar Eclipse 2019 इस साल का अखिरी सूर्यग्रहण 26 दिंसबर को होगा। यहां जानें सूर्यग्रहण से जुड़ी सारी जानकारी और इस दिन किन बातों का रखें ख्याल ।
नई दिल्ली, एजेंसी। आज से ठीक एक महिने बाद यानी 26 दिसंबर को साल का अखिरी सूर्य ग्रहण होगा। भारत समेत, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और एशिया में इसे देखा जाएगा। वैज्ञानिक भाषा में इसे वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं। यह खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा। आज हम आपके बताएंगे की इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि सूर्यग्रहण से 12 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
कब होता है वलयाकार सूर्यग्रहण
वैज्ञानिक भाषा में सूर्यग्रहण को वलयाकार कहते हैं। वलयाकार सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य से दूर होने के बाद भी उनके बीच में आ जाता है।
क्या है सूर्य ग्रहण की खास बात
इस बार के सूर्य ग्रहण की सबसे खास बात ये है कि इस बार का ग्रहण सूर्य ग्रहण इस वजह से खास है कि ये केरल के चेरुवथुर में दिखाई देगा। सूतक लगने की वजह से भगवान अयप्पा मंदिर का गर्भ ग्रह 26 दिसंबर को चार घंटे के लिए बंद कर दिया जाएगा।
ग्रहण का समय
- ग्रहण सुबह 8.17 बजे लगेगा (26 दिसंबर, 2019)
- ग्रहण समाप्ति सुबह 10.57 मिनट पर ग्रहण खत्म हो जाएगा।
ग्रहण के समय इन बातों के रखें ध्यान
ग्रहण के वक्त किसी को भी पूजा पाठ नहीं करना चाहिए। आपके घर में जो भी खाने पीनें की चीजें हो उन सभी में तुलसी का पत्ता डालकर रख दें। जैसे ही ग्रहण खत्म हो जाए उसके बाद ही पूरे घर की सफाई करनी चाहिए। ग्रहण के वक्त ना तो पकवान बनाए और ना ही पकवान खाएं। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को अवश्य रुप से स्नान करना चाहिए। सूतक काल के शुरु होने से लेकर उसके खत्म होने तक भगवान की आराधना करें।
ग्रहण के समय ना करें मंदिर में दर्शन
ग्रहण के वक्त शाम साढे पांच बजे के बाद मंदिर में दर्शन ना करें। मंदिर का द्वार को 25 तारीख को शाम 5 बजकर 30 मिनट से लेकर 26 दिसंबर सुबह 11 बजे तक बंद रहेंगे।
इन देशों में देखा जा सकेंगा सूर्यग्रहण
"साल 2019 का आखिरी सूर्यग्रहण पूरे भारत के साथ पाकिस्तान, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, चीन, अफग़ानिस्तान सहित एशिया महाद्वीप के अन्य देशों, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के देशों में देखा जा सकेगा।