धड़कते दिल का ऑपरेशन, अंगुली से नापा और बंद कर दिया सुराख
दय का काम रक्त को पूरे शरीर में पहुंचाना और शरीर से रक्त लेकर शुद्ध होने के लिए फेफड़ों तक पहुंचाना होता है। इस ऑपरेशन में सबसे बड़ी चुनौती लगातार आते हुए इस रक्त को नियंत्रित करना था।
जयपुर, ब्यूरो। शहर के सवाई मानसिंह अस्पताल के डॉक्टरों ने एक मरीज के धड़कते दिल पर ऑपरेशन कर उसके दिल के तीन सेंटीमीटर के सुराख को बंद किया है। डॉक्टरों का दावा है कि दुनिया में अपनी तरह की पहली सर्जरी है। इसमें सर्जन ने अपने बाएं हाथ की एक अंगुली का खास इस्तेमाल भी किया है।
एसएमएस अस्पताल के कार्डियक थोरेसिक सर्जरी विभाग के वरिष्ठ डॉ. अनिल शर्मा ने बताया कि करौली के बबलू (35) को बचपन से दिल में सुराख था। इससे दिल को धड़कने और उसे सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी। धीरे-धीरे उसके हृदय का आकार बढ़ रहा था। लिवर में भी सूजन आ गई थी। इस वजह से खाना खाते ही उसका पेट फूल जाता था। दिन-ब-दिन बिगड़ती स्थिति के चलते उसे जान का भी खतरा बन गया था।
तीन बड़ी समस्याओं से डॉक्टरों ने पाया पार
हृदय का काम रक्त को पूरे शरीर में पहुंचाना और शरीर से रक्त लेकर शुद्ध होने के लिए फेफड़ों तक पहुंचाना होता है। इस ऑपरेशन में सबसे बड़ी चुनौती लगातार आते हुए इस रक्त को नियंत्रित करना था। दूसरी चुनौती दिल के साथ ब्रेन, किडनी और लिवर को किसी भी नुकसान से बचाने की थी। वहीं तीसरी बड़ी चुनौती मरीज के रक्त को किसी भी तरह सुरक्षित रख वापस चढ़ाने की थी। इस सर्जरी के लिए खास तकनीक की मदद से धड़कते दिल को खोला गया। उसके बाद उन्होंने अपने बाएं हाथ की अंगुली को राइट आट्रियम के अंदर डालकर धड़कते हुए दिल के सुराख को नापा व आंतरिक संरचना का जायजा लिया। इसके साथ ही उसके दिल का सुराख सही कर दिया गया।
डॉ. शर्मा के अनुसार इस तकनीक के साथ सर्जरी में खर्च बहुत कम आया और अधिक रक्त चढ़ाने व हार्ट लंग मशीन की जरूरत भी नहीं पड़ी। अब इस तकनीक को मेडिकल जर्नल्स और गिनीज बुक के लिए भेजा जाएगा।
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