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स्मार्ट सिटी के 100 में से 68 शहर लक्ष्य से पीछे, 32 शहरों का काम अच्छा; कुछ ने चार गुना लक्ष्य किया हासिल

68 में भी 25 शहर ऐसे हैं जिनकी प्रगति यानी मिशन के तहत परियोजनाएं पूरी करने का स्कोर कार्ड बेहद लचर है और अब उनके कारण जून तक लक्ष्य पूरा हो पाना लगभग असंभव नजर आ रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarThu, 23 Mar 2023 08:20 PM (IST)
स्मार्ट सिटी के 100 में से 68 शहर लक्ष्य से पीछे, 32 शहरों का काम अच्छा; कुछ ने चार गुना लक्ष्य किया हासिल
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कई शहर नहीं हासिल कर पा रहे है परियोजनाओं का लक्ष्य।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्मार्ट सिटी मिशन में 68 शहरों का पिछड़ापन 32 शहरों की मेहनत पर पानी फेरता लग रहा है। 68 में भी 25 शहर ऐसे हैं जिनकी प्रगति यानी मिशन के तहत परियोजनाएं पूरी करने का स्कोर कार्ड बेहद लचर है और अब उनके कारण जून तक लक्ष्य पूरा हो पाना लगभग असंभव नजर आ रहा है।

कुछ शहरों ने पूरी की लक्ष्य से अधिक परियोजनाएं 

स्मार्ट सिटी मिशन में लगभग दो तिहाई शहरों के लचर प्रदर्शन का मामला पिछले दिनों शहरी कार्य मंत्रालय से संबंधित संसद की स्थायी समिति में भी उठा था। अगर शहरों के प्रदर्शन की बात की जाए तो छत्तीसगढ़ में रायपुर, मध्य प्रदेश में ग्वालियर, इंदौर और सतना, राजस्थान में अजमेर, जयपुर, कोटा,उत्तर प्रदेश में आगरा, अलीगढ़, बरेली, झांसी, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी जैसे कुछ शहरों ने लक्ष्य से अधिक परियोजनाएं पूरी की हैं।

लक्ष्य का दस प्रतिशत प्रगति नहीं कर सके कुछ शहर 

पंजाब में भी अमृतसर और लुधियाना ने लक्ष्य हासिल कर लिया। लेकिन कई ऐसे भी हैं जो दस प्रतिशत भी प्रगति नहीं कर पाए हैं। भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पटना, चंडीगढ़, बिलासपुर, अहमदाबाद, गांधीनगर, राजकोट, वडोदरा, फरीदाबाद, करनाल, धर्मशाला, रांची, उज्जैन, भुवनेश्वर, जालंधर आदि इसमें शामिल हैं।

मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार इस धीमी रफ्तार के लिए कोविड के अलावा कुछ स्थानीय वजहें भी रही हैं, जैसे जमीन और श्रम की उपलब्धता आदि। अगर मंत्रालय को इस मिशन की अवधि को आगे बढ़ाना है तो व्यय विभाग के साथ बातचीत करनी होगी। समस्या यह है कि अगर इसकी समय सीमा न बढ़ाई जाए तो प्रोजेक्ट अधूरा ही रह जाएगा।