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आइएसआइएस के छह सदस्यों ने खुद को माना दोषी, एनआइए की विशेष अदालत में हुई सुनवाई

एनआइए ने 2015 में केस दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार किया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) अदालत में अर्जी दायर कर खुद को दोषी माना।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2020 09:54 AM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 09:54 AM (IST)
आइएसआइएस के छह सदस्यों ने खुद को माना दोषी, एनआइए की विशेष अदालत में हुई सुनवाई
आइएसआइएस के छह सदस्यों ने खुद को माना दोषी, एनआइए की विशेष अदालत में हुई सुनवाई

नई दिल्ली, जेएनएन। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आइएसआइएस ) के छह सदस्यों की तरफ से मंगलवार को पटियाला हाउस की विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) अदालत में अर्जी दायर कर खुद को दोषी माना। इन पर भारत में आइएसआइएस की पैठ जमाने के लिए भारतीय मुस्लिम युवाओं को संगठित करने का आरोप है। आरोपितों ने जुनैद उल खलीफा फिल ¨हद नाम से एक संगठन बनाया, जोकि आइएसआइएस के लिए काम करता था।

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एनआइए ने 2015 में केस दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में छह अन्य आरोपित पहले ही खुद को दोषी मान चुके हैं। बुधवार को अदालत छह आरोपितों की अर्जी पर संज्ञान लेने के अलावा छह अन्य दोषियों की सजा पर सुनवाई करेगी। आरोपित अबू अनस, मुफ्ती काशमी, सुहेल अहमद, नफीस खान, मुहम्मद अफजल और अब्दुल्ला खान ने खुद को दोषी मानते हुए अर्जी में कहा कि भविष्य में वे ऐसा कोई गैरकानूनी काम नहीं करेंगे। उन्हें समाज की मुख्य धारा में वापस लौटने का मौका दिया जाए।

इनसे पहले मुदाबीर शेख, मुहम्मद शरीफ, आसिफ अली, मुहम्मद हुसैन खान, सयद मुजाहिद और मुहम्मद अजहर खान ने खुद को दोषी मानते हुए अर्जी दायर की थी, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया था। इनकी सजा पर बुधवार को विचार किया जाएगा।

आतंकी के ताजा खुलासे ने उड़ाए सुरक्षा एजेंसियों के होश

बीते शनिवार की रात धौला कुआं के बुद्ध जयंती पार्क के पास गिरफ्तार किए गए इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रॉविंस (आइएसकेपी) के आतंकी मुहम्मद मुस्तकीम खान उर्फ यूसुफ उर्फ अब्दुल उर्फ अबू यूसुफ ने पूछताछ में बुधवार को एक नई जानकारी दी है, जिससे सुरक्षा एजेंसियां हैरान हैं। उसने बताया कि भारत में विदेशी नागरिक भी उसके निशाने पर थे। उन पर हमला करने से पूरे विश्व में आइएसकेपी संगठन का बड़ा संदेश जाता। फिदायीन हमले के लिए दो जैकेट व एक बेल्ट बनाने का एक मकसद यह भी था।


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