जानें, आखिर एक चाय वाले की बेटी का मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार ने घर बुलाकर क्यों किया सम्मान
वीडियो देखने के बाद कई सामाजिक संगठनों और समाजसेवियों ने भी नेहा को सम्मानित किया। नेहा के कविता पाठ की गूंज उदयपुर में मेवाड़ राजघराने के सदस्यों के कानों तक पहुंच गई।
उदयपुर, नईदुनिया। पन्ना धाय पर लिखी एक कविता सुनाने पर इतने पुरस्कार मिलेंगे, यह आठवीं की छात्रा नेहा वैष्णव ने सोचा भी नहीं होगा। उसके कविता पाठ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और मेवाड़ की बेटी नेहा सुर्खियों में आ गई। उसे न केवल मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्यों ने अपने निवास पर बुलाकर सम्मानित किया, बल्कि कई संस्थाओं ने बतौर पुरस्कार उसकी झोली रुपयों से भर दी।
बेटे चंदन के बलिदान और पन्ना धाय के त्याग पर कविता पाठ करने वाली नेहा राजसमंद जिले के रेलमगरा के राजकीय कस्तूरबा गांधी विद्यालय में आठवीं की छात्रा है। नेहा हाल ही संभागस्तरीय कविता पाठ प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा स्थित स्व. भीखा भाई राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय विद्यालय गई थी। वहां उसने वीर माता पन्ना धाय के जीवन पर ऐसी अद्भुत कविता की प्रस्तुति दी कि सुनने वालों के कान में मानो रस घुल गया।
इस प्रस्तुति का वीडियो देखते ही देखते वायरल हो गया। इसमें नेहा निर्णायकों के अलावा स्कूल के ही स्टाफ और बच्चों के सामने भाव-विभोर होकर ऐसे दिखाई दे रही है जैसे वह किसी कवि सम्मेलन के बड़े मंच पर सैकड़ों श्रोताओं के सामने अपनी कला का प्रदर्शन कर रही हो। नेहा के शिक्षक मुकेश वैष्णव बताते हैं कि प्रशिक्षक राधेश्याम वैष्णव, घनश्याम दमामी व प्रभारी लक्ष्मी रेगर के सानिध्य में उसने प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर संभाग स्तर पर प्रथम स्थान हासिल किया।
नेहा एक गरीब परिवार से आती है और उसके पिता चाय का ठेला लगाते हैं। सुविधाओं के अभाव में पली-बढ़ी नेहा पढ़ाई और खेल में भी अव्वल है। नेहा के मुताबिक शिक्षकों ने इस कविता पाठ की तैयारी किसी और छात्रा से करवाई थी लेकिन प्रतियोगिता से पहले उस छात्रा की तबीयत खराब होने से उसे इस कविता पाठ का मौका मिल गया। नेहा अचानक मिली अपनी प्रसिद्वि का श्रेय अपने गुरुजनों और परिवारजनों को देती हैं।
पूर्व राजपरिवार ने बुलाया घर, किया सम्मानित
वीडियो देखने के बाद कई सामाजिक संगठनों और समाजसेवियों ने भी नेहा को सम्मानित किया। नेहा के कविता पाठ की गूंज उदयपुर में मेवाड़ राजघराने के सदस्यों के कानों तक पहुंच गई। जिसके बाद महाराणा उदयसिंह के वंशज और पूर्व मेवाड़ राजघराने के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ ने उसे समोर बाग स्थित अपने घर बुलाया। नेहा अपने गुरु के साथ वहां पहुंची। उसने महेंद्रसिंह मेवाड़, पूर्व महारानी निरूपमा कुमारी और उनके बेटे विश्वराजसिंह को भी पन्नाधाय के बलिदान की कविता सुनाई। पूर्व राजपरिवार के सदस्यों ने उसकी जमकर प्रशंसा की। नेहा ने बेटियों को बचाने पर भी एक अच्छी कविता सभी को सुनाई। नेहा की इस प्रतिभा को देखकर उसका सम्मान किया गया।
यही नहीं, महेंद्र सिंह मेवाड़ ने नेहा के स्कूल में बच्चों के लिए कम्प्यूटर लैब शुरू करने की घोषणा भी की। पन्नाधाय सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष और पन्नाधाय वंशज भूपेंद्र सिंह धायभाई और उनकी टीम, निरंजन गुर्जर सियाखेड़ी, मुकेश गुर्जर तथा उदयपुर शहर की एक दर्जन से अधिक संस्थाओं ने नेहा को प्रोत्साहनस्वरूप नकद राशि देकर सम्मानित किया। नेहा को मिले सम्मान से उसके पिता बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि बेटी तो उनके लिए लक्ष्मी बन गई। वह जितना 10 साल में भी नहीं कमा पाते, उतना पैसा बेटी एक ही कविता से चर्चित होने के साथ पुरस्कार के रूप में लेकर आ गई। वे अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलाएंगे।