सिक्किम तक पहुंचा निपाह का प्रकोप, सरकार ने जारी की सलाह
केरल से चलकर निपाह वायरस का कहर अब सिक्किम तक पहुंच चुका है। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लोगों को सलाह जारी किए गए हैं।
गंगटोक (प्रेट्र)। जानलेवा निपाह का प्रकोप केरल से शुरू होकर कई राज्यों में पहुंच चुका है। दिल्ली से लेकर हिमाचल, उत्तराखंड, हरियाणा, बिहार और अब सिक्किम। सिक्किम में इस वायरस को लेकर लोगों के बीच डर फैल रहा है। इसलिए सिक्किम स्वास्थ्य विभाग ने सलाह जारी कर राज्य के लोगों को निपाह वायरस के खिलाफ सावधानी बरतने का आग्रह किया जाए।
केरल में निपाह प्रकोप के बारे में बात करते हुए एक सलाहकार ने कहा, "हालांकि सिक्किम में निपाह वायरस की न्यूनतम संभावना है, लेकिन लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।" वायरस से होने वाली बीमारी के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द और उल्टियां शामिल है। कुछ में मिर्गी के लक्षण भी देखे गए हैं।
सलाहकार ने कहा कि मस्तिष्क बुखार के परिणामस्वरूप 10-12 दिनों के बाद मरीज बेहोश हो सकता है जिसके बाद उसकी मृत्यु हो सकती है। इस दौरान लोगों को सलाह दी जाती है कि उन्हें पक्षियों, चमगादड़ों और जानवरों द्वारा काटकर गिराए गए फल और सब्ज़ियां को नहीं खाएं। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के आने से बचें और अगर संपर्क में आना पड़े तो अपने हाथ अच्छे से धोएं। और अगर प्रभावित इलाकों यानी केरल की यात्रा पर गए हों तो उनके स्वास्थ्य की निगरानी अवश्य करें।
यह सावधानी बरतें
- निदेशक स्वास्थ्य विभाग डॉ. बलदेव ठाकुर के अनुसार चमगादड़ों की लार या पेशाब के संपर्क में न आएं।
-खासकर पेड़ से गिरे फलों को खाने से बचें।
-फलों को पोटाश वाले पानी में धोकर खाएं।
-संक्रमित सुअर और इंसानों के संपर्क में न आएं।
-जिन इलाकों में निपाह वायरस फैल गया है वहां न जाएं।
-व्यक्ति और पशुओं के पीने के पानी की टंकियों सहित बर्तनों को ढककर
-बाजार में कटे और खुले फल न खाएं।
-संक्रमित पशु के संपर्क में न आएं। खासकर सुअर के संपर्क में आने से बचें।
-निपाह वायरस के लक्षण पाए जाने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
-सभी विभागों को अलर्ट रहने को कहा गया है। स्कूलों में बच्चों को निपाह वायरस से बचाव को लेकर जागरूक करने को कहा है। कटे-फटे फलों से निपाह वायरस का खतरा अधिक है।