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भारत और श्रीलंका के रिश्तों में गर्माहट लौटने के संकेत, विदेश सचिव श्रृंगला की कोलंबो में पीएम महिंदा राजपक्षे से मुलाकात

श्रृंगला शनिवार को श्रीलंका पहुंचे थे। प्रधानमंत्री के बाद उनकी राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से भी मुलाकात होनी है। उनकी विदेश मंत्री जीएल पेरिस और विदेश सचिव प्रो. जयनाथ कोलंबेज से भी अलग-अलग मुलाकात हुई है। इन सभी मुलाकातों में द्विपक्षीय रिश्तों के तमाम आयामों के बारे में बात हुई है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 04 Oct 2021 10:15 PM (IST)Updated: Mon, 04 Oct 2021 11:01 PM (IST)
भारत और श्रीलंका के रिश्तों में गर्माहट लौटने के संकेत, विदेश सचिव श्रृंगला की कोलंबो में पीएम महिंदा राजपक्षे से मुलाकात
भारत की मदद से तैयार चार विकास परियोजनाएं श्रीलंका सरकार के हवाले

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। कारण जो भी हो, श्रीलंका सरकार को यह बखूबी समझ में आ गया है कि उसके दीर्घकालिक हित के लिए भारत ही सही है। इस बात के संकेत साफ तौर पर कोलंबो की यात्रा पर गए विदेश सचिव हर्षव‌र्द्धन श्रृंगला को वहां की सरकार की तरफ से दिए गए हैं। श्रृंगला ने सोमवार को प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से मुलाकात की और उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने जो बयान जारी किया है, उससे भी बदली हवा का संकेत मिल रहा है। बेहद संकट में फंसे श्रीलंका को भारत हर तरह की मदद देने को तैयार है। कोलंबो में ही भारत की मदद से तैयार चार विकास परियोजनाओं को सौंपा गया है। भारत की तरफ से जल्द ही श्रीलंका को अतिरिक्त अनाज से लेकर विदेशी मुद्रा कारोबार में ज्यादा रियायत देने जैसी महत्वपूर्ण मदद देने का भी एलान किए जाने की तैयारी है।

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श्रृंगला शनिवार को श्रीलंका पहुंचे थे। प्रधानमंत्री के बाद उनकी राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से भी मुलाकात होनी है। उनकी विदेश मंत्री जीएल पेरिस और विदेश सचिव प्रो. जयनाथ कोलंबेज से भी अलग-अलग मुलाकात हुई है। इन सभी मुलाकातों में द्विपक्षीय रिश्तों के तमाम आयामों के बारे में बात हुई है। प्रधानमंत्री राजपक्षे की तरफ से बताया गया है कि श्रृंगला के साथ उनकी दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत बनाने को लेकर बातचीत हुई। श्रीलंका स्थित भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले की तरफ से बताया गया कि प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में दोनों देशों के बीच चल रही लंबित परियोजनाओं को जल्द पूरा करने को लेकर बातचीत हुई ताकि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सके।

श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान पर्यटन का

श्रीलंका की तरफ से बताया गया कि वह जल्द से जल्द अपने देश को भारतीय पर्यटकों के लिए खोलना चाहता है। श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान पर्यटन का होता है और इसमें भारतीय पर्यटकों की बड़ी भूमिका होती है। वहां जाने वाले विदेशी पर्यटकों में 18 फीसद भारतीय होते हैं। श्रीलंका जैसी स्थिति मालदीव की भी है। भारतीय पर्यटकों को आने-जाने की सुविधा देने के बाद मालदीव की अर्थव्यवस्था में काफी सुधार हो गया है। श्रीलंका इस उदाहरण को अपने यहां आजमा सकता है। श्रीलंका की अर्थव्यवस्था अभी इतनी खराब है कि उसके पास बाहर से पर्याप्त मात्रा में अनाज मंगाने के लिए भी विदेशी मुद्रा भंडार नहीं है। माना जा रहा है कि श्रृंगला के साथ इस मुद्दे को वहां के अधिकारियों ने उठाया है। भारत का संकेत है कि वह अपने इस पड़ोसी देश को कुछ अनाज सब्सिडी पर और कुछ निजी क्षेत्र की तरफ से वाणिज्यिक आधार पर उपलब्ध कराएगा।

भारत सरकार वहां के कई जिलों में कुल 50 हजार भवनों का कर रही निर्माण

पड़ोसी देश के आर्थिक संकट को देखते हुए भारत उसे ज्यादा करेंसी स्वैप की सुविधा भी दे सकता है। पहले भी श्रीलंका को 40 करोड़ डालर की राशि के बराबर करेंसी स्वैप करने की सुविधा दी थी। श्रीलंका एक अरब डालर की सुविधा मांग रहा है। बहरहाल, भारत की मदद से तैयार किए जा रहे इंडियन हाउसिंग प्रोजेक्ट (आइएचपी) के तहत निर्मित 1,235 मकानों को पिछले दो दिनों में विदेश सचिव श्रृंगला ने वहां के अधिकारियों को सौंपा। 1,372 करोड़ रुपये की लागत से भारत सरकार वहां के कई जिलों में कुल 50 हजार भवनों का निर्माण कर रही है। इसके अलावा भारत की मदद से श्रीलंका के 25 जिलों के ग्रामीण इलाकों में अलग से माडल विलेज हाउ¨सग प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है जिसके तहत वावुनिया जिले में काम पूरा हो गया है। इसे भी श्रीलंका के स्थानीय प्रशासन को सौंप दिया गया। भारत सरकार की मदद से तैयार वडा सेंट्रल लेडीज कालेज का भी उद्घाटन किया गया है। इसके अलावा कैंडी जिले में सरस्वती सेंट्रल कालेज का भी उद्घाटन किया गया है, इसे भी भारत की मदद से ही तैयार किया गया है।


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