सरकार ने डिजिटल डायरी और कैलेंडर से बचाए पांच करोड़ रुपये, जानिए कैसे कर सकते हैं प्राप्त
सूचना प्रसारण मंत्रालय का कहना है कि हर साल 11 लाख कैलेंडर और 99 हजार डायरियां छपवाई जाती हैं। लेकिन कैलेंडर और डायरी के आइओएस और एंड्राइड मोबाइल एप्लीकेशन को एक बटन के क्लिक से सटीक ढंग से तुरंत हासिल किया जा सकता है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भारत सरकार की ओर से डिजिटल कैलेंडर और डायरी लांच की गई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इन कैलेंडर और डायरी को इस साल नहीं छपवाकर करीब पांच करोड़ रुपये बचाए हैं।
मंत्रालय का कहना है कि हर साल 11 लाख कैलेंडर और 99 हजार डायरियां छपवाई जाती हैं। लेकिन कैलेंडर और डायरी के आइओएस और एंड्राइड मोबाइल एप्लीकेशन को एक बटन के क्लिक से सटीक ढंग से तुरंत हासिल किया जा सकता है।
पिछले साल छपवाने में खर्च हुए थे सात करोड़ रुपये
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआइबी) के प्रमुख केएस धतवालिया ने कहा कि पिछले साल कैलेंडर और डायरियां छपवाने में सात करोड़ रुपये खर्च हुए थे। लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने केवल डिजिटल विकल्प को चुना और कैलेंडर और डायरी नहीं छपवाया। इससे खर्च में पांच करोड़ रुपये की बचत हो गई। चूंकि मंत्रालय को केवल डिजिटल विकल्प चुनने में केवल दो करोड़ रुपये का खर्च आया है।
इस मौके पर जावडेकर ने खुशी जताते हुए कहा कि कैलेंडर और डायरी अब मोबाइल फोनों में मिलेंगे। 'गोल कैलेंडर' मुफ्त है और आगामी 15 जनवरी से 11 भाषाओं में उपलब्ध है। इस ऐप को ब्यूरो ऑफ आउट रीच एंड कम्यूनिकेशंस ने विकसित किया है। मौजूदा समय में यह हिंदी और अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध है और 15 जनवरी से 11 अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध की हैं।