छत्तीसगढ़ पुलिस में आइजी रैंक के अफसरों की कमी, छह में से दो आइजी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर
छत्तीसगढ़ पुलिस में महानिरीक्षक रैंक के अफसरों की कमी है। राज्य में इस रैंक के कुल छह अफसर हैं। इनमें दो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इसके चलते राज्य में पांच में से तीन रेंज में उप महानिरीक्षक रैंक के अफसरों को प्रभारी आइजी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ पुलिस में महानिरीक्षक (आइजी) रैंक के अफसरों की कमी हो गई है। राज्य में इस रैंक के कुल छह अफसर हैं। इनमें दो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इसके चलते राज्य में पांच में से तीन रेंज में उप महानिरीक्षक (डीआइजी) रैंक के अफसरों को प्रभारी आइजी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि प्रभारी आइजी बनाए गए सभी अफसर इस वर्ष आइजी बन जाएंगे।
छत्तीसगढ़ में 1996 से 2001 बैच तक के अफसर आइजी हैं
पुलिस अफसरों के अनुसार प्रदेश में 1996 से 2001 बैच तक के अफसर आइजी हैं। इन बैचों में अफसरों की संख्या बेहद कम है। 1996 बैच के केवल एक विवेकानंद हैं, जो इस वक्त दुर्ग रेंज की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। शीघ्र ही वे एडीजी पदोन्नत हो जाएंगे। 1997 बैच के दिपांशु काबरा और जयदीप सिंह दो अफसर हैं। काबरा हाल ही में बिलासपुर रेंज से परिवहन आयुक्त बनाए गए हैं। सिंह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। 1998 बैच के अमित कुमार भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। 2001 बैच में रायपुर रेंज आइजी डॉ. आनंद छाबड़ा के साथ टीआर पैंकरा हैं। पैंकरा इस वर्ष मार्च में सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
राज्य कैडर में एक भी अफसर आइजी नहीं है
राज्य कैडर में 1999 और 2000 के साथ ही 2002 बैच में एक भी अफसर आइजी नहीं है। अफसरों के अनुसार इसी वजह से ज्यादा समस्या है। बस्तर, सरगुजा के साथ बिलासपुर में प्रभारी आइजी इस वक्त बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर रेंज की जिम्मेदारी 2003 बैच के क्रमश: सुंदरराज पी, रतनलाल डांगी और आरपी साय को सौंपी गई है। इस बैच के अफसर इस वर्ष आइजी पदोन्नत हो सकते हैं, लेकिन अभी उसकी प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। हालांकि सुदंरराज और डांगी लंबे समय से रेंज की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
डीआइजी रैंक पर अफसरों की बाढ़
आइजी रैंक के विपरीत डीआइजी रैंक के अफसरों की भरमार है। राज्य में 2003 से लेकर 2005 बैच तक के अफसर डीआइजी पदोन्नत हो चुके हैं। 2003 बैच में कुल आठ अफसर हैं। 2004 में सात और 2005 बैच में चार अधिकारी हैं। इनमें से करीब आधा दर्जन अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं।