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भारत माता की जय पर फणनवीस का रुख पके केले की तरह : सामना

महाराष्ट्र के सीएम फणनवीस द्वारा भारत माता की जय के रुख पर शिवसेना ने उन्हें बधाई दी है। वहीं दूसरी तरफ तंज भी कसा है। शिवसेना ने संपादकीय में लिखा है कि पहले तो वो इस मुद्दे पर दहाड़ते रहे लेकिन अब पके केले की तरह नरम हो गए हैं

By Lalit RaiEdited By: Published: Tue, 05 Apr 2016 11:28 AM (IST)Updated: Tue, 05 Apr 2016 03:00 PM (IST)

मुंबई। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फणनवीस द्वारा भारत माता की जय के रुख पर शिवसेना ने उन्हें बधाई दी है। वहीं दूसरी तरफ तंज भी कसा है। शिवसेना ने अपने संपादकीय में लिखा है कि फणनवीस पहले तो इस मुद्दे पर चट्टान की तरह खड़े रहे। लेकिन अब वो पके हुए केले की तरह नरम हो गए हैं। शिवसेना ने पूछा कि आखिर उनके सामने कौन सी मजबूरी आ गयी कि वो अपने स्टैंड पर पहले वाले अंदाज में नहीं कायम हैं। महाराष्ट्र और केंद्र में कांग्रेस सत्ता में नहीं है। फिर भी देश के दुश्मन खुलेआम घूम रहे हैं।

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जो भारत मां की जय नहीं कहते उन्हें देश में रहने का अधिकार नहीं-फणनवीस

सीएम फणनवीस पहले विधानसभा में दमदार अंदाज में कहते हैं कि कुर्सी भले ही चली जाए वो भारत माता की जय कहना नहीं छोड़ेंगे। लेकिन जब कुछ लोग हंगामा करते हैं, तो वो विवाद का ठीकरा मीडिया पर फोड़ते हैं। जबकि ऐसा करने की उन्हें जरूरत ही नहीं थी।

सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि महाराष्ट्र और केंद्र दोनों जगहों पर राष्ट्रवादी सरकारे हैं। उनके राष्ट्रवाद की मंशा पर शक नहीं होना चाहिए। लेकिन बार बार बदलते हुए बयानों की वजह से हास्य के शिकार बन जाते हैं। भारत माता की जय कहना देश की भावना है, इसे लेकर किसी के भी मन में किसी तरह का शक होना ही नहीं चाहिए।

शिवसेना ने कहा कि सर संघचालक मोहन भागवत ने भी पहले भारत माता की जय का बयान दिया लेकिन बाद में उनके रुख में नरमी आ गयी। इस तरह की बातें धक्का देती हैं। साथ में पीड़ा भी देती हैं। सामना में कहा गया है कि दारुल उलूम के लोग भारत माता की जय के खिलाफ फतवा जारी करते हैं। राष्ट्रद्रोह का काम करते हैं। लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है। जबकि ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जरूरत है।

सामना में कहा गया है कि संघ के लोग राष्ट्रवाद के नाम पर बड़ी बड़ी बाते करते हैं। लेकिन जब देशविरोधी ताकतों पर कार्रवाई की बात आती है। तो ये लोग चुप्पी साध लेते हैं। ओवैसी के मन में जो आता है वो बोलते हैं। लेकिन सरकार सिर्फ बयानों के जरिए ही निशाना साधती है, जमीन पर जब कार्रवाई की बात होती है तो सरकार चुप हो जाती है। वाणी में जिस शौर्य का प्रदर्शन किया जाता है वो जमीन पर दिखना भी तो चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो आप राष्ट्रविरोधी लोगों के खिलाफ बांग देते रहेंगे। और वो लोग भारत मां के खिलाफ अनर्गल प्रलाप करेंगे।


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