बीएमसी चुनाव से पहले मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने में जुटी शिवसेना
महाराष्ट्र में शिवसेना इन दिनों बीएमसी चुनावों में अपने सबसे बड़े विरोधी भाजपा को लेकर गंभीर है और इसलिए मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने में जुटी है।
मुंबई (जेएनएन)। बीएमसी चुनाव में शिवसेना व भाजपा एक दूसरे के सामने हैं और इसलिए हमेशा से मुस्लिम विरोधी रही शिवसेना इस बार मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने में जुटी है। इस क्रम में शिवसेना ने उर्दू अखबार में भाजपा के खिलाफ विज्ञापन दिया।
बीएमसी चुनाव में अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ शिवसेना ने विज्ञापन दिया था। अब तक मुस्लिम का विरोध करने वाली इस बार मुस्लिमों को अपने पाले में करने को लेकर प्रयासरत है।
उर्दू में लिखे इस विज्ञापन में कहा गया है- मुंबई सबसे अधिक टैक्स का भुगतान करती है। लेकिन इसके बावजूद हमें कुछ नहीं दिया गया। बिजनेस नुकसान में हैं, नौकरियां खत्म हो रहीं हैं, लाइन में खड़े लोगों की मौत हो रही है।
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बीएमसी चुनाव के लिए शिवसेना की ओर से पांच मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिए गए हैं। लेकिन इस बार शिवसेना मुस्लिमों को लुभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। बीएमसी चुनाव में शिवसेना और भाजपा को एक-दूसरे खिलाफ उतरने के फैसले के बाद ही शिवसेना के नेता मुस्लिमों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। महाराष्ट्र शिव वाहतुक सेना के उपाध्यक्ष साजिद सूपरीवाला ने कहा, 'हम गोवंडी-मानखुर्द इलाके में कुछ और सीट पाना चाहते हैं। मैं और हाजी आराफात इस इलाके में प्रचार कर रहे हैं और हमें अच्छा रिस्पॉन्स भी मिल रहा है।'
इन दिनों मुस्लिम समुदाय भाजपा और शिवसेना के बीच हमलों का आनंद ले रहे हैं। कुछ सेना नेताओं द्वारा नरेंद्र मोदी को ‘फेकु’ कहा गया। नाम छिपाने की आग्रह के साथ समुदाय के एक नेता ने बताया, ‘उद्धव ठाकरे कह रहे हैं कि उनकी पार्टी मुस्लिम विरोधी नहीं है बल्कि महाराष्ट्र के विकास को लेकर गंभीर है। इससे मुस्लिमों का कुछ समर्थन उन्हें मिलने की उम्मीद है।‘
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