दुल्हन ने लहंगा नहीं शेरवानी पहना और घोड़ी पर सवार हो पहुंची मैरिज हॉल
मी टू जैसे कैंपेन के बाद महिला सशक्तिकरण की एक नई लहर देखने को मिल रही है। महिलाएं भी इसके लिए आगे आती दिख रही हैं। इसका एक जीवंत उदाहरण राजस्थान में देखने को मिला।
राजस्थान (एएनआई)। अमूमन घोड़ी पर सवार हो दुल्हा बारात के साथ दुल्हन को ब्याहने आता है पर यहां मामला विपरीत था। दरअसल राजस्थान की एक दुल्हन ने शेरवानी पहन घोड़ी पर सवार हो दुल्हे के घर जाने का फैसला किया। यह दृश्य राजस्थान के झुनझुनू जिला स्थित नवलगढ़ के निवासियों के लिए किसी अचंभे से कम न था।
मथुरा रिफाइनरी के इंडियन ऑयल में ऑफिसर के पद पर कार्यरत नेहा खिचर आइआइटी ग्रेजुएट हैं। बंदोरी परंपरा के तहत दुल्हे के भांति परिजनों ने नेहा को तैयार कर समाज में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया। नेहा की बहन ने एएनआई से कहा, ‘इस पहल के जरिए हम यह संदेश देना चाहते हैं कि लड़का और लड़के में अंतर नहीं किया जाना चाहिए। बंदोरी के लिए जैसे दुल्हा घोड़ी पर सवार होता है हम दुल्हन के साथ यह परंपरा निभा रहे हैं।‘
नेहा ने कहा, ‘मेरा परिवार इसके जरिए यह संदेश देना चाहता है कि बेटे और बेटियों में अंतर कभी नहीं करना चाहिए और उन्हें समान अवसर देना चाहिए।‘