ये विधानसभा है बड़ी खास, यहां हर चुनाव में बदलता है विधायक, लेकिन एक ही रहता है पीए
मुझे पार्टी या सरकार से कोई लेना-देना नहीं। जो विधायक आदेश देते हैं, वहीं करता हूं। 25 साल में किसी ने एक रुपए का दाग नहीं लगाया, कोई विधायक मेरे काम से नाराज नहीं हुआ।
हरिओम गौड़, श्योपुर। विधानसभा क्षेत्र में हर चुनाव में विधायक बदल जाता है, लेकिन यहां विधायकों का निजी सहायक (पीए) नहीं बदलता। मप्र की 230 विधानसभाओं में ऐसा उदाहरण श्योपुर के अलावा कहीं नहीं मिलेगा। 25 साल में छह बार विधानसभा चुनाव हुए हैं, इनमें चार नेता विधायक बने हैं। तीन बार भाजपा, दो बार कांग्रेस और एक बार निर्दलीय ने चुनाव जीता। इन सभी विधायकों ने पीए के तौर पर हरिशंकर सोलंकी को रखा और हर विधायक इनके काम की तारीफ करता है।
पहली बार विधायक बने कांग्रेस के बाबू जंडेल ने भी अपने पीए के तौर पर सोलंकी की मांग प्रशासन से की है। सोलंकी भी जिम्मेदारी संभालने को तैयार हैं। सोलंकी मूल रूप से सिंचाई विभाग में क्लर्क हैं। 1993 में भाजपा के रमाशंकर भारद्वाज चुनाव जीते थे, तब उन्होंने सोलंकी को अपना पीए बनाया। इसके बाद 1998 में कांग्रेस के बगावत कर निर्दलीय चुनाव जीते बृजराज सिंह चौहान ने भी पीए के तौर पर उन्हें रखा। 2003 में भाजपा के दुर्गालाल विजय विधायक बने तो सोलंकी उनके पीए बन गए।
2008 में दुर्गालाल को हराकर कांग्रेस से बृजराज सिंह विधानसभा पहुंचे तो करीब ढाई साल तक सोलंकी उनके पीए रहे। 2013 में बृजराज सिंह को हराकर भाजपा के दुर्गालाल विजय विधायक बने तो हरीशंकर सोलंकी अपनी डायरी व कलम उठाकर उनके यहां पीए बन गए।
किसी की कोई कमजोरी या ताकत नहीं बताते
सोलंकी किसी भी पूर्व विधायक की कमजोरी या ताकत वर्तमान विधायक को नहीं बताते है। सोलंकी का कहना है कि कई बार हंसी-हंसी में वर्तमान विधायकों ने पूर्व विधायकों के कामकाज के बारे में पूछा, लेकिन मैं हर बार यही जवाब देता हूं कि जैसा काम यहां है, वैसा ही वहां था। सोलंकी 60 साल के हो चुके हैं, दो साल बाद उनकी सेवानिवृति है। इस हिसाब से वह विधायक जंडेल के यहां पीए का काम दो साल ही कर पाएंगे।
क्या कहते हैं पूर्व और वर्तमान विधायक
दो बार विधायक रहे कांग्रेस के बृजराज सिंह चौहान का कहना है कि हरीशंकर सोलंकी सिर्फ अपने काम पर फोकस करते हैं। अनुभवी व ईमानदार हैं, इसलिए हर विधायक उन्हें अपना पीए रखता है। दो बार भाजपा से विधायक रहे दुर्गालाल ने दोनों कार्यकाल में हरीशंकर को पीए रखा। वे कहते हैं कि सोलंकी किसी सरकार या पार्टी से प्रभावित नहीं होते हैं, वे सिर्फ विधायक से प्रभावित रहते हैं, इसलिए विधायक उन पर आंख मूंद कर भरोसा करते हैं।
वर्जन
मुझे पार्टी या सरकार से कोई लेना-देना नहीं। जो विधायक आदेश देते हैं, वहीं करता हूं। 25 साल में किसी ने एक रुपए का दाग नहीं लगाया, कोई विधायक मेरे काम से नाराज नहीं हुआ। मैं पहले जिस सरकारी आवास में जिस हालत में था, आज भी वैसी दशा में हूं।
- हरीशंकर सोलंकी, फिलहाल सिंचाई विभाग में अपनी मूल पदास्थापना पर