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शिंदे का कांग्रेस को झटका, कहा- पवार पीएम बने तो खुशी होगी

मुंबई [जागरण संवाददाता]। अपने बयानों से खुद और कांग्रेस की कई बार फजीहत करा चुके केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे की जुबान फिर फिसल गई। शिंदे ने शनिवार को केंद्रीय मंत्री व राकांपा के मुखिया शरद पवार की शान में जमकर कसीदे काढ़े। मराठा क्षत्रप पवार को राजनीतिक गुरु बताने के साथ ही रौ में यहां तक कह गए कि यदि मराठा क्षत्रप देश के प्रधानमंत्री बनते हैं तो उन्हें खुशी होगी।

By Edited By: Published: Sat, 11 Jan 2014 06:41 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2014 09:07 PM (IST)
शिंदे का कांग्रेस को झटका, कहा- पवार पीएम बने तो खुशी होगी

मुंबई [जागरण संवाददाता]। अपने बयानों से खुद और कांग्रेस की कई बार फजीहत करा चुके केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे की जुबान फिर फिसल गई। शिंदे ने शनिवार को केंद्रीय मंत्री व राकांपा के मुखिया शरद पवार की शान में जमकर कसीदे काढ़े। मराठा क्षत्रप पवार को राजनीतिक गुरु बताने के साथ ही रौ में यहां तक कह गए कि यदि मराठा क्षत्रप देश के प्रधानमंत्री बनते हैं तो उन्हें खुशी होगी।

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शिंदे का यह बयान कांग्रेस की 17 जनवरी को प्रस्तावित उस अहम बैठक से चंद दिन पहले आया है, जिसमें राहुल गांधी को पीएम प्रत्याशी बनाने का ऐलान संभव है। खुद शिंदे भी राहुल को पीएम उम्मीदवार घोषित करने की मांग कर चुके हैं।

सुशील कुमार शिंदे ने शनिवार को अपने गृहनगर सोलापुर में पत्रकारों से बातचीत में कहा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय कृषिमंत्री शरद पवार मेरे राजनीतिक गुरू हैं। मुझे राजनीति में वही लेकर आए हैं। हर व्यक्ति में महत्वाकांक्षा होती है। पवार 1992 से प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं, वह दिल्ली की राजनीति के पीड़ित हैं। उन्हें प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला तो मुझे खुशी होगी। ज्ञात हो, पवार ने 1999 में सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर कांग्रेस छोड़ दी थी। राकांपा के संस्थापक पवार स्पष्ट कर चुके हैं कि वह 2014 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।

शिंदे के इस बयान के कई अर्थ लगाए जा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अपने एक बड़े नेता से यह बयान दिला कर कांग्रेस अपने किसी साथी दल के नेतृत्व में अगली सरकार बनाने का विकल्प खुला रखना चाहती है, क्योंकि पवार ऐसे कई दलों को संप्रग से जोड़ सकते हैं, जो कांग्रेस या राहुल के नेतृत्व में काम करने को राजी नहीं होंगे। वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस का शिंदे गुट इस बात से इन्कार कर रहा है।

शिंदे के करीबी प्रदेश कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष चंद्रकांत दायमा के मुताबिक, शिंदे हमेशा कांग्रेस-राकांपा के बीच तनाव कम करने की भूमिका निभाते रहे हैं। चूंकि इन दिनों राकांपा के तमाम नेता मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण की कार्यशैली की आलोचना कर रहे हैं। इसलिए दोनों दलों के बीच तनाव कम करने के उद्देश्य से शिंदे ने पुरानी बातों को याद करते हुए यह बात कही है।

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