सबसे पहले शान-ए-पंजाब ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे
शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस देश की पहली ट्रेन होगी जिसकी हर बोगी में सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे। यह काम अगस्त तक पूरा हो जाएगा।
नई दिल्ली । शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस देश की पहली ट्रेन होगी जिसकी हर बोगी में सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे। यह काम अगस्त तक पूरा हो जाएगा।
रेलवे बोर्ड के सदस्य (यांत्रिक) हेमंत कुमार ने बताया कि यात्रियों, खासकर महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से ट्रेनों में सीसीटीवी लगाने का एलान रेल बजट में किया गया था। इस पर काम शुरू हो गया है और इसकी शुरुआत शान-ए-पंजाब ट्रेन से की जाएगी। इसमें गलियारे के अलावा प्रत्येक कंपोर्टमेंट, खासकर महिला कंपोर्टमेंट के प्रवेश द्वारों पर सीसीटीवी लगाए जा रहे हैं।
प्रयोग के तौर पर पहले दो महिला बोगियों में सीसीटीवी लगाए गए हैं। इनमें एक बोगी दक्षिण रेलवे में और दूसरी उत्तर रेलवे में इस्तेमाल हो रही है। दोनों का अनुभव काफी अच्छा रहा है। अब हमारा इरादा किसी पूरी ट्रेन में सीसीटीवी लगाने का है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर नई दिल्ली से अमृतसर के बीच चलने वाली शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस का चुनाव किया गया है। अगस्त तक 22 कोच की इस ट्रेन की सभी बोगियों में सीसीटीवी लगा दिए जाएंगे।
इनमें दो एसएलआर वैन शामिल हैं। एसएलआर (सिटिंग-कम-लगेज रैक) वैन वह बोगी होती है जिसमें आधी जगह सामान के लिए और आधी यात्रियों के लिए होती है। इसका इस्तेमाल प्राय: महिलाओं के आरक्षण के लिए किया जाता है। सीसीटीवी की फुटेज की निगरानी कंट्रोल रूम में आरपीएफ के जरिए की जाएगी। इस पायलट प्रोजेक्ट की कामयाबी के बाद अन्य ट्रेनों में भी सीसीटीवी लगाने का प्रस्ताव है।
फायर अलार्म प्रणाली
कुमार के अनुसार दिल्ली-जम्मू राजधानी तथा दिल्ली-भुवनेश्र्वर राजधानी में फायर अलार्म प्रणाली का ट्रायल काफी कामयाब रहा है। लिहाजा अब 750 और बोगियों में इसे लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रणाली के तहत बोगी में धुएं का एहसास होते ही पहले यात्रियों को सावधान करने के लिए हूटर बजता है और फिर ब्रेक लग जाते हैं। इसके अलावा इससे उन्नत अग्नि पहचान व शमन (फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन) प्रणाली ट्रेनों की पावर कार व पैंट्री कार में लगाई जाएगी। चूंकि इन बोगियों में आग लगने की सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आती हैं, लिहाजा इसे सबसे पहले इन्हीं बोगियों में लगाने का प्रस्ताव है। इस प्रणाली के तहत आग लगने पर पहले हूटर बजता है और फिर आगे बुझाने के लिए पानी की बौछार होती है
फर्स्ट एसी में बेहतर सीढि़यां
सदस्य यांत्रिक के अनुसार ऊपर की बर्थ पर चढ़ने में दिक्कत के मद्देनजर बेहतर डिजाइन की सीढि़यों पर काम चल रहा है। इसकी शुरुआत फर्स्ट एसी बोगियों से की जा रही है।
बायो टायलेट
स्वच्छ भारत अभियान के तहत दो अक्टूबर तक कनालुस-द्वारका-ओखा तथा पोरबंदर-वांसजाल्या सेक्शनों पर सभी ट्रेनों की सभी बोगियों में 'जीरो टायलेट डिस्चार्ज' यानी बायोटायलेट की सुविधा दे दी जाएगी। जबकि जम्मू-कटरा तथा मानमदुरई-रामेश्र्वरम सेक्शनों में इसे वर्ष के अंत तक लागू किया जाएगा। अब तक 17 हजार बायो टायलेट लगाए जा चुके हैं। जबकि चालू वित्त वर्ष में इतने ही बायो टायलेट और लगाने की योजना है।
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