शूटिंग की आड़ में जिस्मफरोशी, पकड़े गए 10 लड़के, 5 लड़कियां
फिल्मों की शूटिंग की आड़ में जिस्मफरोशी के धंधे का पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। भोली-भाली लड़कियों को बहला-फुसलाकर हिरोइन बनाने का सपना दिखाने वाले एक ऐसे ही गैंग का एसएसपी मनु महाराज ने पर्दाफाश किया है। पांच लड़कियों को भी उनके चंगुल से मुक्त कराया गया है।
दरभंगा। फिल्मों की शूटिंग की आड़ में जिस्मफरोशी के धंधे का पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। भोली-भाली लड़कियों को बहला-फुसलाकर हिरोइन बनाने का सपना दिखाने वाले एक ऐसे ही गैंग का एसएसपी मनु महाराज ने पर्दाफाश किया है। पांच लड़कियों को भी उनके चंगुल से मुक्त कराया गया है।
फिल्म की शूटिंग का कुछेक जरूरी सामान और लैपटॉप वगैरह भी बरामद हुआ है। नेपाल के रहने वाले फिल्म के डायरेक्टर व बिरौल के हीरो के साथ मुंगेर की एक महिला को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुलिस के अनुसार, ये महिला भोली-भाली सुंदर दिखने वाली लड़कियों को अपनी जाल में फांसती और फिर इन्हें सौंप देती। एपीएम थाने के माखनपुर के किसी शंभू चौधरी के मकान में चोरी-छिपे फिल्म की शूटिंग के नाम पर इन लड़कियों के शोषण की बात सामने आई है।
गांव से बाहर शंभू चौधरी का एक मकान बन रहा था। उसी मकान में दस लड़कों के बीच ये पांचों लड़कियां घिरी हुई थीं। पुलिस ने जब रेड मारा तो ये सभी आपत्तिजनक अवस्था में पाए गए। कमरे के अंदर का माहौल और उन लड़के-लड़कियों की अवस्था देखकर यह समझते देर नहीं लगी कि वहां क्या कुछ चल रहा था। घर के बाहर चारों तरफ से बाउंड्री थी।
एसएसपी ने मीडिया को बताया कि चार लड़कियों को लड़कों के साथ आपत्तिजनक स्थितयों में पाया गया। हैरत वाली बात यह है कि इनमें से चारों लड़कियां नाबालिग हैं और कलंक टाइटल नामक फिल्म में उन सबको लीड रोल में बतौर हीरोइन रखने का प्रलोभन देकर अररिया-खगड़िया जैसे दूसरों जिलों से लाया गया था। बमुश्किल पंद्रह साल के आसपास की ये लड़कियां किसी फिल्म में हिरोइन के लिए कैसे चुनी जाएंगी यह सहज ही समझा जा सकता है।
पुलिस ने कहा कि इस फिल्म के कथित डायरेक्टर व हीरो के साथ तीन-चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है। जबकि, अन्य सात लोगों से अभी पूछताछ ही चल रही है। पुलिस को उनसे कुछ और जानकारियां मिलने की उम्मीद है। वहीं लड़कियों का कोर्ट में इकबालिया बयान भी दर्ज कराया जाएगा ताकि उनकी आपबीती सच-सच सामने आ सके।
अशोक पेपर मिल थाना क्षेत्र में पुलिस की स्पेशल टीम ने जब रेड मारा तो सबने बताया कि कलंक नामक किसी मैथिली फिल्म की शूटिंग के लिए सभी यहां इकट्ठा हुए हैं। हालांकि जिस तरह से वहां का नजारा और माहौल दिखा उससे यह भी लगने लगा कि कहीं ब्लू फिल्म बनाने का काम तो नहीं चल रहा है। सभी बिन्दुओं पर तहकीकात के साथ पुलिस आगे बढ़ रही है।
डायरेक्टर-हीरो व दलाल महिला भी गिरफ्तार
महिला सरगना मीरा देवी, पति नेता पासवान, ग्राम बोचाही, थाना मुफ्फसिल, मुंगेर यहीं लड़कियों को गुप्त ठिकाने पर पहुंचाने में मदद करती। धर्मेन्द्र कुमार यादव डायरेक्टर के नाम पर लड़कियों का भयादोहन करता था। वह नेपाल के छिनमस्ता गांव, थाना शकरा, जिला सप्तरी के मानसरोवर यादव का पुत्र है। सोनबेहट, बिरौल का रहने वाला अमरेश यादव पिता कारी यादव, इस फिल्म में हीरो के नाम पर अपना उल्लू सीधा करता।
लड़कियों के कुछ परिजनों ने की थी शिकायत
एसएसपी मनु महाराज ने कहा कि लड़कियों के कुछ परिजनों की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई। आठवीं कक्षा की छात्र ऐश्वर्या व 9वीं की सुप्रिया के परिजन यहां पहुंचे हुए हैं। और भी कुछ पता लगाया जा रहा है। सभी लड़कियों को महिला थाने भेजकर बयान दर्ज कराया जा रहा है। आरोपियों पर केस दर्ज कराया जा रहा है।
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