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निजामुद्दीन जलसे में भाग लेने वाले सात विदेशियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

तब्लीगी जमात के जलसे में भाग लेने वाले सात विदेशी नागरिकों ने गृह मंत्रालय द्वारा काली सूची में डाले जाने को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 06:15 AM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 06:15 AM (IST)
निजामुद्दीन जलसे में भाग लेने वाले सात विदेशियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तब्लीगी जमात के जलसे में भाग लेने वाले सात विदेशी नागरिकों ने गृह मंत्रालय द्वारा काली सूची में डाले जाने को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। इन सातों विदेशी नागरिकों ने गृह मंत्रालय से उनके नाम को काली सूची से हटाने और वीजा बहाल करने के लिए निर्देश देने की मांग की है। इन विदेशी नागरिकों में थाईलैंड के दो, केन्या, माली, मोरक्को, ट्यूनीशिया और मलेशिया के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।

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गृह मंत्रालय की ओर से काली सूची में डालने को दी चुनौती

दूसरी तरफ सरकार ने कहा है कि तब्लीगी जमात के विदेशी सदस्यों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय देश भर के विभिन्न राज्यों से मस्जिदों और धाíमक स्थलों पर अवैध रूप से रहने का विवरण मिलने के बाद लिया गया था। अधिवक्ता फुजैल अहमद अय्यूबी और आशिमा मंडला के माध्यम से दायर याचिका में विदेश मंत्रालय को भी निर्देश देने की मांग की गई है, ताकि विदेशियों को उनके संबंधित देश वापस जाने में सुविधा हो सके।

थाई नागरिक फरीदा चीमा ने कहा कि उसे अन्य विदेशी नागरिकों की तरह मार्च में क्वारंटाइन किया गया था। लेकिन, मई के अंत में केवल क्वारंटाइन से रिहा किया गया है। याचिका में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले विदेशी नागरिकों को काली सूची में डालने के निर्णय को मनमाना घोषित करने की मांग भी की गई है। 

सरकार ने कहा, अवैध रूप से रहने का विवरण मिलने के बाद लगाया गया प्रतिबंध

याचिका में कहा गया है कि दो अप्रैल, 2020 को गृह मंत्रालय द्वारा 960 विदेशियों को प्रेस विज्ञप्ति के जरिये एकतरफा काली सूची में डाल दिया गया। इसके बाद चार जून, 2020 को लगभग 2,500 और विदेशियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। यह अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। इसलिए यह शून्य और असंवैधानिक है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि इस संबंध में न तो कोई सुनवाई की गई है और न ही नोटिस या सूचना दी गई है।

वर्तमान में भारत में मौजूद इन विदेशी नागरिकों को तब्लीगी जमात की गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए भारत की यात्रा करने से 10 साल की अवधि के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया था। गृह मंत्रालय ने कहा था कि तब्लीगी जमात के विदेशी सदस्य, जो देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान वीजा नियमों का उल्लंघन कर भारत में रह रहे थे, को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।


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