9 महीने से जेल में बंद है अलगाववादी पिता, बेटी ने किया 12वीं में टॉप
समा शब्बीर शाह ने सीबीएसई के तहत 12वीं की वार्षिक बोर्ड परीक्षा में 97.8 फीसद अंक हासिल कर जम्मू कश्मीर में पहला स्थान प्राप्त कर सभी को चौंका दिया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पिता नौ महीने से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है और मां लगभग हर दूसरे माह प्रवर्तन निदेशालय में हाजिरी दे रही है। ऐसे हालात में समा शब्बीर शाह ने सीबीएसई के तहत 12वीं की वार्षिक बोर्ड परीक्षा में 97.8 फीसद अंक हासिल कर जम्मू कश्मीर में पहला स्थान प्राप्त कर सभी को चौंका दिया है।
श्रीनगर के अथवाजन स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल की छात्रा समा शब्बीर के पिता कश्मीर के वरिष्ठ अलगाववादी नेता शब्बीर शाह हैं। वह जुलाई, 2017 से तिहाड़ जेल में बंद हैं। जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी इस कामयाबी के लिए समा शब्बीर शाह को ट्वीट कर बधाई दी है।
श्रीनगर स्थित अपने घर में परिजनों के साथ मौजूद समा ने अपने परीक्षा परिणाम पर संतोष जताते हुए कहा कि यह मेरी नहीं मेरे माता-पिता की कुर्बानियों का नतीजा है। मेरे पिता हमारी शिक्षा को लेकर बहुत फिक्रमंद रहते हैं। वह अक्सर हमें पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करते रहे हैं। हम काफी मुश्किलों से गुजर रहे हैं। मैं जब भी पढ़ने बैठती थी तो अपने अब्बु को याद करती थी और कहती थी कि वह जेल बर्दाश्त कर सकते हैं तो क्या मैं यह 12वीं परीक्षा भी पास नहीं कर सकती। मैंने अपना ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित रखा। अगर आज मैंने कोई उपलब्धि हासिल की है तो यह मेरे पिता के संघर्ष में मेरा यकीन और मेरी मां द्वारा मुझे दी गई ताकत से ही हासिल हुई है।
उसने अपने पिता के पास न होने पर दुख जताते हुए कहा कि मेरे पास होने की खबर सोशल मीडिया के जरिये पूरी दुनिया में फैल गई है। बहुत से लोग मुझे मुबारकबाद दे रहे हैं, लेकिन क्या मेरे अब्बु को पता होगा कि उनकी बेटी 12वीं पास हो गई है। तिहाड़ जेल में उन्हें कौन यह खबर सुनाएगा। वहीं समा की मां डॉ. बिलकीस शाह ने कहा कि मैं अपनी बेटी की कामयाबी को लेकर बहुत खुश हूं। अगर शाह साहब आज घर पर होते तो वह अपनी बेटी की कामयाबी पर जश्न मनाते।
राज्य के हर युवा के लिए मिसाल : सीएम
समा शब्बीर शाह की कामयाबी पर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी प्रसन्नता जताई है। उन्होंने उसे बधाई देते हुए ट्वीट किया कि मैं समा शब्बीर शाह को 12वीं की परीक्षा में 97.8 फीसदी नंबर हासिल करने पर बधाई देती हूं। समा ने तमाम मुश्किलों का सामना करने के बाद अपनी लगन और मेहनत से यह सफलता हासिल की है, जो राज्य के हर युवा के लिए एक मिसाल है।