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हैकिंग फोरम पर 900 उद्यमों की संवेदनशील जानकारी लीक..! बचने के लिए करने होंगे ये उपाय

रूस के एक हैकर ने नौ सौ से ज्यादा उद्यमों के वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क सर्वर के पासवर्ड को एक ऐसे प्लेटफार्म पर डाल दिया है जिस पर साइबर अपराधियों की नजर रहती है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 06:03 AM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 06:03 AM (IST)
हैकिंग फोरम पर 900 उद्यमों की संवेदनशील जानकारी लीक..! बचने के लिए करने होंगे ये उपाय
हैकिंग फोरम पर 900 उद्यमों की संवेदनशील जानकारी लीक..! बचने के लिए करने होंगे ये उपाय

नई दिल्ली, आइएएनएस। रूस के एक हैकर ने नौ सौ से ज्यादा उद्यमों के वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) सर्वर के पासवर्ड को एक ऐसे प्लेटफार्म पर डाल दिया है, जिस पर साइबर अपराधियों की नजर रहती है। इससे इन उद्यमों की संवेदनशील सूचनाओं के लीक होने का खतरा पैदा हो गया है। जेडडीनेट (ZDNet) की रिपोर्ट के मुताबिक, यदि इन कंपनियों ने अपने वीपीएन सर्वर को ठीक भी कर लिया होगा तो भी उन्हें अपनी सूचनाओं को सुरक्षित करने के लिए पासवर्ड बदलने होंगे।

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हैकर बना सकते हैं कंपनियों को निशाना

लीक जानकारी के आधार पर हैकर इन कंपनियों के उपकरणों को अपने नियंत्रण में कर सकते हैं और उसके जरिए उनके नेटवर्क में घुसपैठ कर सकते हैं। प्लेटफार्म पर यूजरनेम और पासवर्ड की सूची में 'पल्स सिक्योर' वीपीएन सर्वर के 913 आइपी पते शामिल हैं। पल्स सिक्योर वीपीएन सर्वर किसी कंपनी के नेटवर्क में एक्सेस करने का जरिया होता है, इसके जरिए कंपनी के कर्मचारी दफ्तर के बाहर से भी उस नेटवर्क से जुड़े रहते हैं।

ट्विटर एप में सिक्योरिटी बग

ट्विटर ने बुधवार को कहा कि एंड्रायड फोन के लिए उसके एप में सुरक्षा को लेकर एक खामी पाई गई थी, जिससे डायरेक्ट मैसेज (डीएम) के लीक होने का खतरा था। कंपनी ने कहा कि उस खामी को अब दूर कर दिया गया है। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ने कहा है कि एंड्रायड 8 और 9 वर्जन को इस बग ने प्रभावित किया।

मई महीने में भी हुई थी ऐसी ही घटना

समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, बीते मई महीने में भी साइबर अपराधियों ने 2.9 करोड़ भारतीयों की निजी जानकारियां डार्क वेब पर लीक कर दी थीं। ऑनलाइन इंटेलीजेंस कंपनी साइबिल ने इसका खुलासा किया था। इस जानकारियों में शिक्षा और निवास संबंधी निजी सूचनाएं थीं। यही नहीं शिक्षा, पता, ईमल, फोन, योग्यता, कार्य अनुभव आदि सूचनाएं भी शामिल थीं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 12 महीनों में कुल मिलाकर 82 फीसद भारतीय फर्मों पर फिरौती के लिए रैंसमवेयर वायरस के हमले भी किए गए हैं। 


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