प्रणब मुखर्जी के संघ कार्यक्रम में जाने के फैसले से कांग्रेसी नाराज, चिट्ठी लिखकर लगाई गुहार
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएएस के कार्यक्रम में जाने को लेकर विवाद की स्थिति बनती जा रही है। अब वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सीके जाफर शरीफ ने आपत्ति जताई है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में जाने को लेकर विवाद की स्थिति बनती जा रही है। अब एक और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और देश के पूर्व रेल मंत्री ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस नेता सीके जाफर ने कहा है कि आरएसएस के कार्यक्रम में जाने का उनका (प्रणब मुखर्जी) निर्णय काफी चौंकाने वाला है। उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी ताउम्र कांग्रेसी रहे हैं, अचानक से उनका आरएसएस के कार्यक्रम में जाना... ठीक नहीं है। वह अपनी पृष्ठभूमि नकार नहीं सकते। जाफर ने आगे कहा कि प्रणब मुखर्जी ने इस बारे में किसी को बताया नहीं और न ही भरोसे में लिया।
बताया जाता है कि इसके अलावा जाफर ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर भी उनके आरएसएस के कार्यक्रम में जाने को लेकर पुनर्विचार करने की गुहार लगाई है।
गौरतलब है कि सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आरएसएस ने नागपुर में 7 जून को भावी 'प्रचारकों' को राष्ट्रवाद पर व्याख्यान देने का निमंत्रण दिया था जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
इस ख़बर के बाद से कांग्रेसी खेमें हलचल मची हुई है। मंगलवार को भी पूरा दिन इस मामले पर खींचतान चलती रही। कांग्रेसी नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के फैसले को अटपटा बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में रहते हुए प्रणब मुखर्जी हमेशा आरएसएस के विचारों के खिलाफ रहे तो आखिर वह इस संगठन के कार्यक्रम में क्यों शामिल हो रहे हैं?
भाजपा बचाव में उतरी, संघ ने भी किया पलटवार
इसके बाद शाम को भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी ने प्रणब मुखर्जी का बचाव किया। उन्होंने कहा कि आरएसएस कोई पाकिस्तान का आइएसआइ नहीं है। यह देश का और राष्ट्रवादियों का संगठन है। उधर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संघ मुख्यालय में आने के न्योते को बेवजह तूल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले महात्मा गांधी, पूर्व उप राष्ट्रपति जाकिर हुसैन, जयप्रकाश नारायण (जेपी) और जनरल करियप्पा भी संघ मुख्यालय में आ चुके हैं।
नेहरू ने बुलाया था गणतंत्र दिवस की परेड में
1962 में भारत पर चीन के आक्रमण के समय संघ के स्वयंसेवकों की सेवा से प्रभावित होकर ही 1963 की गणतंत्र दिवस की परेड में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने संघ को आमंत्रित किया था और तीन हजार स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में भाग लिया था। संघ की 'राष्ट्र प्रथम' भावना के कारण ही 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने संघ के सरसंघचालक 'गुरूजी' को सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित किया था और वे गए भी थे।
प्रणब मुखर्जी को पहले भी बुलाया था
खास बात ये भी है कि इससे पहले भी संघ ने प्रणब मुखर्जी को कार्यक्रम में बुलाने के लिए न्यौता दिया था। यह दूसरी बार है जब प्रणब मुखर्जी को न्यौता भेजा गया और उन्होंने स्वीकार कर लिया। इसके अलावा कांग्रेस में भी कुछ लोग प्रणब मुखर्जी के मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेतृत्व की ओर से अब तक इस मामले पर कोई बयान नहीं आया है।