महाराष्ट्र सरकार ने दबाव में लिया ऋण माफी का निर्णयः शिवसेना
शिवसेना ने पार्टी मुखपत्र 'सामना' में एक संपादकीय में कहा कि "सरकार ने किसान विरोध प्रदर्शनों पर एक तानाशाह की भूमिका निभाई है
मुंबई (प्रेट्र)। महाराष्ट्र सरकार द्वारा ऋण माफी के निर्णय पर शिवसेना जमकर हमला बोला। शिवसेना का कहना है कि लगातार दबाव के कारण एेसा निर्णय लिया गया। सेना ने कहा सरकार ने इसके तहत सत्ता में रहने का विकल्प चुना है। शिवसेना ने पार्टी मुखपत्र 'सामना' में एक संपादकीय में कहा कि "सरकार ने किसान विरोध प्रदर्शनों पर एक तानाशाह की भूमिका निभाई है फिर भी, किसानों की एकता सरकार की हार बन गई। सरकार अपनी गलती के कारण अपने गले में लगे फंदे को हटाने में कामयाब रही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को बिना गारंटी के ऋण माफी की घोषणा के लिए बधाई दी जानी चाहिए, किसान अब आत्महत्या नहीं कर पायेंगे।
"हालांकि सरकार ने खुले दिल से ऋण माफी की घोषणा नहीं की है, बल्कि यह लगातार पड़ रहे दबाव का नतीजा है।" सेना ने कहा कि "हम उन सीटों पर नहीं है लेकिन हम उन आलसी व्यक्तियों की सीटों को हिलाने का दम रखते हैं। यह भी कहा कि, हालांकि हम कल की गारंटी नहीं दे सकते हैं।" शिवसेना ने कहा कि समृद्धी कॉरिडोर मुंबई नागपुर एक्सप्रेस के निर्माण को रोकने के लिए सरकार को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी देनी चाहिए।
इसके अलावा सरकार को घोषणा को तत्काल रुप से पूरा करना चाहिए। दो दिन पहले, महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के लिए ऋण माफी की घोषणा की थी और ऋण राहत के मानदंड तय करने के लिए एक समिति बनाने का फैसला किया था, जिसके बाद किसानों ने अपने विरोध प्रदर्शनों को बंद कर दिया था। राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा था, "सरकार ने सिद्धांत रूप से कुछ किसानों के ऋण को माफ करने का फैसला किया है। छोटे और मध्यम जमीन वाले किसान आज से ही कर्जमुक्त हो गए हैं।"
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