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सैलजा का मसला शांत, वीके सिंह पर तकरार जारी

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली के बयान वापस लेने और ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल द्वारा अपनी टिप्पणी पर खेद जताने के साथ ही राज्यसभा में कांग्रेस नेता सैलजा का मुद्दा ठंडा पड़ गया।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2015 03:04 AM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2015 03:14 AM (IST)
सैलजा का मसला शांत, वीके सिंह पर तकरार जारी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली के बयान वापस लेने और ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल द्वारा अपनी टिप्पणी पर खेद जताने के साथ ही राज्यसभा में कांग्रेस नेता सैलजा का मुद्दा ठंडा पड़ गया। लेकिन केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह को लेकर बसपा ने हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर जुगलबंदी की।

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सैलजा के मुद्दे पर राज्यसभा में बुधवार से ही कामकाज नहीं हो पा रहा था। गुरुवार को सभापति हामिद अंसारी और उपसभापति पीजे कुरियन की मध्यस्थता में विभिन्न दलों के नेताओं के बीच समझौता हुआ। इस समझौते के बाद मामला सुलझ गया। इसके बावजूद कांग्रेस और बसपा की गोलबंदी राज्यसभा में कामकाज का पटरी पर आना मुश्किल नजर आ रहा है।

राज्यसभा में हंगामे की शुरुआत सुबह कार्यवाही प्रारंभ होते ही हो गई थी। जैसे ही भोपाल गैस त्रासदी के मृतकों की याद में सदन की श्रद्धांजलि समाप्त हुई, कांग्रेस सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी और वेल में पहुंच गए। सदन के नेता अरुण जेटली के बयान व गोयल की टिप्पणी पर माफी की मांग करने लगे।

बुधवार को सैलजा ने कहा था कि 2013 में गुजरात के एक मंदिर में उनसे जाति पूछी गई थी। इस पर नेता सदन अरुण जेटली ने कहा था कि द्वारका मंदिर के रिकार्ड से सैलजा के आरोप की पुष्टि नहीं होती है। गोयल ने कहा था कि सैलजा की बातें 'मनगढ़ंत' हैं। इस पर सैलजा बिफर गई थीं। उनका कहना था कि मंत्री सदन को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने मुख्य द्वारका नहीं, बल्कि बेट द्वारका मंदिर की बात की थी।

उपसभापति पीजे कुरियन ने शून्यकाल में जैसे ही तृणमूल के नदीमुल हक को बोलने की अनुमति दी, कांग्रेस सदस्यों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। इस पर कुरियन ने कहा, 'आपका व्यवहार अनुचित और अलोकतांत्रिक है। मैं इसकी भ‌र्त्सना करता हूं।'

संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने सदन कुछ समय के लिए कार्यवाही स्थगित करने का सुझाव दिया। आधा घंटा बाद जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो गोयल ने अपनी टिप्पणी पर बाकायदा खेद प्रकट किया। परंतु सैलजा संतुष्ट नहीं हुई। तृणमूल के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा माफी के बाद सदन चलना चाहिए। सभापति हामिद अंसारी ने भी यही दोहराया। संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कांग्रेस के बर्ताव से लगता है कि वे सदन चलने देना नहीं चाहते। इसके बाद सदन की कार्रवाई कई बार स्थगित हुई।

दो बजे के बाद जब भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) कानून पर चर्चा शुरू हुई तो लगा कि अब सदन चलेगा। परंतु तभी अचानक बसपा सदस्य सतीशचंद्र मिश्र खड़े हो गए और विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह की सदन में उपस्थिति पर हंगामा खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति जो इस सदन का सदस्य नहीं है। जिसने दलितों के विरुद्ध अशोभनीय बयान देकर असंवैधानिक कार्य किया है, वह यहां क्यों है। इसी के साथ बसपा व कांग्रेस सदस्यों ने 'वीके सिंह वापस जाओ' के नारे लगाने शुरू कर दिए।

संसद में वीके सिंह का बहिष्कार करेगी कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी ने संसद के दोनों सदनों में केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का बहिष्कार करने का फैसला लिया गया है। पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में पार्टी सांसदों की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया। हरियाणा में दो दलित बच्चों को जलाए जाने के मामले में केंद्रीय मंत्री के बयान के विरोध में लिया है।

स्वेच्छा से की गई पूजा अपमान कैसे

द्वारका मंदिर में जाति पूछने कुमारी सैलजा के आरोप पर मंदिर प्रशासन व पूजा कराने वाले पंडित ने कहा है कि ऐसी कोई घटना ही नहीं हुई। मंदिर में पूजा करने आए लोगों से वंश, कुल, जाति व गोत्र का उच्चारण संकल्प के समय कराया जाता है। स्वेच्छा से की गई पूजा अपमान कैसे हो सकता है? पूजा कराने वाले शंभूजी ठाकोर ने कहा कि संकल्प में परिवार, वंश व गोत्र पूछना एक धार्मिक परंपरा है। देवभूमि द्वारका और द्वारकाधीश मंदिर प्रशासकीय समिति के पदेन अध्यक्ष एचके पटेल ने भी सैलजा के आरोप को निराधार बताया।


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