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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को करवा रहे रोमांचक 'नेचर वॉक', युवकों को मिला रोजगार

प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में दो स्थानीय युवकों ने आत्मनिर्भरता के लिए नई जुगत लगाई। वे यहां आने वाले पर्यटकों को सामान्य जंगल सफारी के साथ ही नेचर वॉक यानी जंगल की खूबसूरती का नजदीक से दीदार करवा रहे हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 10:51 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 10:51 PM (IST)
युवक पर्यटकों को जंगल की खूबसूरती का नजदीक से दीदार करवा रहे हैं।

संजय कुमार शर्मा, उमरिया। प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में दो स्थानीय युवकों ने आत्मनिर्भरता के लिए नई जुगत लगाई। वे यहां आने वाले पर्यटकों को सामान्य जंगल सफारी के साथ ही 'नेचर वॉक' यानी जंगल की खूबसूरती का नजदीक से दीदार करवा रहे हैं। वे और उनके साथी पर्यटकों को जंगल के बफर जोन ( घने जंगल से बाहर का इलाका ) की पैदल सैर करवाते हैं। इस जोन में आदिवासी भी रहते हैं। वे पर्यटकों को उनके घरों में ठहराते हैं। यहां का भोजन करवाते हैं। इससे पर्यटक जंगल, जमीन, और आदिवासी भोजन व संस्कृति को नजदीक से महसूस करते हैं। इस नई जुगत से बिना किसी निवेश के युवकों को अच्छी आमदनी भी हो रही है, वे आत्मनिर्भर हो चुके हैं।

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जंगल को नजदीक से कर रहे महसूस, युवकों को मिल रहा रोजगार

इसी इलाके में रहने वाले पुष्पेंद्रनाथ द्विवेदी और अशोक सिंह ने एक साल पहले इसकी शुरुआत की थी और अब उन्होंने बढ़िया नेटवर्क तैयार कर लिया है। पर्यटकों को भी यह 'नेचर वॉक' पसंद आ रहा है। दोनों को एक या दो दिन के दस हजार रुपये तक मिल जाते हैं। युवक स्थानीय गाइड, जिप्सी चालकों और होटल कर्मचारियों की मदद से पर्यटकों से संपर्क करते हैं। उनके राजी होने पर अधिकारियों से जंगल भ्रमण की अनुमति लेते हैं। दरअसल, नियमित जंगल सफारी तय समय, तय रूट पर जिप्सी से ही होती है। इससे जंगल प्रेमी उतना आनंद नहीं उठा पाते जितना इस नेचर वॉक में संभव हो पाता है।

तैयार किया अच्छा नेटवर्क

युवकों ने बांधवगढ़ के मानपुर रेंज के ग्राम दमना, गाटा, घघोड़, दुलहरा, बांसा और धमोखर रेंज के ग्राम परासी, मझौली, महामन, मरदरी के साथ ही खितौली रेंज के कई गांवों में अपने जैसे ही युवकों का नेटवर्क तैयार कर लिया है। इन तीन रेंज के 16 गांव में प्रतिदिन 40 से 50 पर्यटकों को नेचर वॉक करवाया जा रहा है। इन गांव के 30 से 35 युवकों को इससे आय हो रही है।

पर्यटक जिप्सी के बजाय जंगल की पैदल सैर करना ज्यादा पसंद करते हैं

पुष्पेंद्रनाथ कहते हैं कि उन्होंने महसूस किया था कि पर्यटक जिप्सी के बजाय जंगल की पैदल सैर की इच्छा रखते हैं। इसी विचार से सबसे पहले उन्होंने 15 पर्यटकों के एक दल को मानपुर बफर में 'नेचर वॉक' करवाया था। अब पर्यटक इसे पसंद करने लगे हैं इसलिए दोनों ने और भी लोगों को अपने साथ जोड़ा है।

सहजन की पकौड़ी बहुत पसंद आई

रेलवे के पूर्व जीएम आलोक दवे ने हाल ही में 'नेचर वॉक' किया। दवे को वहां सहजन की पकौड़ी बहुत पसंद आई। वे कहते हैं कि मैंने भैंस का अपने सामने दुहा दूध पीया, बहुत अच्छा लगा।

पर्यटकों की सुरक्षा का रखते हैं पूरा ध्यान

पर्यटकों का 'नेचर वॉक' पूरी तरह सुरक्षित रहे इसलिए उन्हें केवल उन जगहों पर ही ले जाया जाता है जहां कोई खतरा न हो। गांव के जानकार लोग पर्यटकों के साथ चलते हैं। ये उनके गाइड होते हैं और सुरक्षाकर्मी भी। बांधवगढ़ के एसडीओ (वन) अनिल शुक्ला ने बताया कि बफर जोन के गैर प्रतिबंधित क्षेत्रों में कोई खतरा नहीं होता है। इसके अलावा स्थानीय युवा यहां की परिस्थितियों के जानकार होते हैं।


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