कश्मीरी छात्रों का पुन: प्रवेश जांच में निर्दोष होने पर
देशद्रोह का आरोप लगाए जाने के बाद कॉलेज से निकाले गए करीब 60 कश्मीरी छात्रों को जांच रिपोर्ट में निर्दोष घोषित किए जाने के बाद ही फिर से प्रवेश दिया जा सकेगा। सुभारती विश्वविद्यालय की ओर से सोमवार को यह जानकारी दी गई। पाकिस्तानी क्रिकेट टीम का जय-जयकार करने पर इन छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का आरो
मेरठ। देशद्रोह का आरोप लगाए जाने के बाद कॉलेज से निकाले गए करीब 60 कश्मीरी छात्रों को जांच रिपोर्ट में निर्दोष घोषित किए जाने के बाद ही फिर से प्रवेश दिया जा सकेगा। सुभारती विश्वविद्यालय की ओर से सोमवार को यह जानकारी दी गई। पाकिस्तानी क्रिकेट टीम का जय-जयकार करने पर इन छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का आरोप लगाया गया था लेकिन बाद में मामले में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के हस्तक्षेप करने पर पुलिस ने यह आरोप वापस ले लिया गया था। विश्वविद्यालय द्वारा गठित समिति इस मामले की जांच कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति मंजूर अहमद ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही उनकी ओर से इस बारे में फैसला लिया जाएगा। अहमद ने कहा, 'यदि जांच समिति निकाले गए छात्रों को निर्दोष घोषित कर देती है तो भी उन्हें अपने अभिभावकों के साथ यह शपथपत्र देना होगा कि वे भविष्य में इस प्रकार के कार्यो में शामिल नहीं होंगे।' उन्होंने उन मीडिया रिपोर्टो का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि समिति छात्रों का बयान लेने के लिए जम्मू कश्मीर जाएगी। मेरठ के जिलाधिकारी पंकज यादव ने बताया कि देशद्रोह के आरोप को लेकर चुनाव आयोग के आदेश के जवाब में उसके पास एक पुलिस रिपोर्ट भेजी गई है। उनके मुताबिक मामले की मजिस्ट्रेट द्वारा जांच जारी है। भाजपा की शिकायत पर चुनाव आयोग ने छात्रों के खिलाफ देशद्रोह का आरोप वापस लिए जाने को लेकर जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। उल्लेखनीय है कि इन छात्रों को प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत विश्वविद्यालय में प्रवेश दिया गया था। यह छात्रवृत्ति कश्मीरियों को देश की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयासों के तहत दी जाती है।
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'पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाने वाले 67 कश्मीरी छात्रों का निलंबन क्यों वापस लिया गया। इन छात्रों को विश्वविद्यालय से बाहर कर वापस कश्मीर भेज देना चाहिए।' -जावेद अख्तर, प्रख्यात गीतकार।