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गैंगरेप के कारण अटका अफजल की फांसी का फैसला

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। दिल्ली में हुए गैंगरेप कांड और उससे उपजी स्थितियों से निपटने में गृहमंत्री की व्यस्तता के कारण संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी पर फैसला नहीं हो पा रहा है। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे का कहना है कि इस मामले से निजात मिलने के बाद ही वह अफजल की फाइल का अध्ययन कर सकेंगे। इसके साथ शिंदे ने राष्ट्रीय राजधानी को सुरक्षित बनाने के लिए पुलिस को मोटरसाइकिल के जरिए रात्रि गश्त बढ़ाने का आदेश दिया है।

By Edited By: Published: Thu, 10 Jan 2013 04:24 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2013 11:29 PM (IST)
गैंगरेप के कारण अटका अफजल की फांसी का फैसला

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। दिल्ली में हुए गैंगरेप कांड और उससे उपजी स्थितियों से निपटने में गृहमंत्री की व्यस्तता के कारण संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी पर फैसला नहीं हो पा रहा है। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे का कहना है कि इस मामले से निजात मिलने के बाद ही वह अफजल की फाइल का अध्ययन कर सकेंगे। इसके साथ शिंदे ने राष्ट्रीय राजधानी को सुरक्षित बनाने के लिए पुलिस को मोटरसाइकिल के जरिए रात्रि गश्त बढ़ाने का आदेश दिया है।

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अफजल समेत फांसी की सजा पाने वाले नौ दोषियों की दया याचिकाओं को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने गृहमंत्री के पास पुनर्विचार के लिए लौटा दिया था। दिसंबर के पहले हफ्ते में शिंदे ने अफजल की दया याचिका पर संसद सत्र के बाद फैसला लेने की घोषणा की थी। गुरुवार को इस संबंध में पूछे जाने पर गृहमंत्री ने कहा, सामूहिक दुष्कर्म और उससे उपजे हालात से निपटने में व्यवस्तता के कारण वह अफजल की फाइल नहीं देख पाए हैं। पूरी फाइल का गहराई से अध्ययन करने के बाद ही उचित फैसला लेंगे।

शिंदे ने कहा, अपराध रोकने को दिल्ली पुलिस के जवान अपने-अपने इलाके में रात में मोटरसाइकिल से गश्त करेंगे। हर सड़क पर मोटरसाइकिल सवार दो जवान विपरीत दिशा से गश्त लगाते हुए आकर एक-दूसरे से जानकारी साझा करेंगे। साथ ही महिलाओं की शिकायत सुनने को सभी थानों में बनने वाले महिला पुलिस डेस्क पर एक मोबाइल और एक लैंडलाइन फोन लगाने का फैसला किया गया है। संबंधित थानों के दायरे में आने वाले सभी स्कूलों व कालेजों में इन दोनों नंबरों को सार्वजनिक रूप से लगाया जाएगा। सामूहिक दुष्कर्म रोकने में नाकामी के लिए दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणी पर उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।

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