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प्रदर्शनकारियों के आगे बेबस पुलिस, सबरीमाला मंदिर प्रवेश नहीं कर पाई महिलाएं

भारी विरोध के चलते एक्टिविस्ट रेहाना फातिमा और टीवी पत्रकार कविता जक्कल को मंदिर में एंट्री नहीं मिली।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 08:40 AM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 11:28 AM (IST)
प्रदर्शनकारियों के आगे बेबस पुलिस, सबरीमाला मंदिर प्रवेश नहीं कर पाई महिलाएं
प्रदर्शनकारियों के आगे बेबस पुलिस, सबरीमाला मंदिर प्रवेश नहीं कर पाई महिलाएं

तिरुवनंतपुरम, प्रेट्र। केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाएें शुक्रवार को भी प्रवेश नहीं कर सकी। भारी विरोध के चलते एक्टिविस्ट रेहाना फातिमा और टीवी पत्रकार कविता जक्कल को मंदिर में एंट्री नहीं मिली। दरअसल, इन दोनों महिलाओं को 250 पुलिसकर्मियों के सुरक्षा घेरे में मंदिर में प्रवेश कराने की कोशिश की गई, लेकिन प्रदर्शनकारियों के सामने पुलिस की एक ना चली और महिलाओं को मंदिर के एंट्री प्वाइंट से वापस लौटना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने दोनों महिलाओं से वापस जाने की मांग की। सन्निधानम में जमे प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे किसी भी हालत में 10-50 वर्ष की महिलाओं को मंदिर में नहीं घुसने देंगे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम सबरीमाला की सुरक्षा कर रहे हैं।

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महिलाओं की एंट्री पर विवाद जारी
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री को लेकर तीसरे दिन भी विवाद जारी है। मंदिर के कपाट बुधवार शाम को ही खोल दिए गए थे, लेकिन अभी भी यहां महिलाओं का प्रवेश नहीं हो पा रहा है। शुक्रवार को भी मंदिर के बाहर जमकर हंगामा और नारेबाजी हो रही है। 

बेबस नजर आई पुलिस
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद महिलाओं को सबरीमाला में एंट्री नहीं मिल रही है। प्रदर्शनकारियों के आगे पुलिस भी लाचार नजर आई। केरल पुलिस के आईजी एस श्रीजीत ने कहा 'हमने महिला श्रद्धालुओं को स्थिति से अवगत करा दिया था, अब वे वापस लौट रही हैं।'

गौरतलब है कि बुधवार को सबरीमाला मंदिर के कपाट खुलने के बाद से अब तक 10 साल से लेकर 50 साल तक की आयु की किसी भी महिला को ब्रह्मचारी कहे जाने वाले भगवान अयप्पा के इस प्राचीन मंदिर में प्रवेश नहीं मिल पाया है। जबकि एक अमेरिकी मीडिया हाउस की दिल्ली की एक महिला पत्रकार ने अपने विदेशी पुरुष सहयोगी के साथ मंदिर में प्रवेश की कोशिश की लेकिन उन्हें पर्वतीय क्षेत्र मरक्कोट्टम से बैरंग वापस पंबा में लौटना पड़ा।

अयप्पा के क्रोधित भक्तों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। उन्हें पुलिस की निगरानी में सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। महिला पत्रकार के पीछे पहाड़ी पर चढ़ रहे मलयालम समाचार चैनलों के संवाददाताओं ने बताया कि श्रद्धालु 'महिलाओं, वापस जाओ' के नारे लगा रहे थे।

समझा जाता है कि महिला पत्रकार की उम्र 45 साल के करीब रही होगी। यदि पत्रकार पहाड़ी चढ़कर मंदिर पहुंच जाती तो 28 सितंबर को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयप्पा स्वामी मंदिर में भगवान के दर्शन करने वाली वह रजोधर्म आयु वर्ग की पहली महिला होती।

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'कोर्ट सिर्फ हिंदुओं के पीछे क्यों'
सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी कंदारू राजीवारू ने 10-50 वर्ष की महिलाओं से सन्निधानम (मंदिर प्रांगण) में नहीं आने और समस्या नहीं पैदा करने की अपील की है। राजीवारू ने मंदिर परिसर में कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट सिर्फ हिंदुओं के रीति-रिवाजों और परंपराओं के पीछे क्यों पड़ा रहता है।

हजारों-लाखों जरूरी केस लटके पड़े हैं, उनकी कोई सुध नहीं। उधर, पलक्कड़ जिले के वीएन वासुदेवन नंबूदरी को सबरीमाला मंदिर का अगले एक साल के लिए नया मुख्य पुजारी चुना गया है।

बसें व ऑटो सड़कों से नदारद
विभिन्न हिंदू संगठनों की ओर से केरल में आहूत बंद गुरुवार की सुबह शुरू हुआ। बंद के कारण बसें और ऑटोरिक्शा सड़कों से नदारद रहे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पत्तनमतिट्टा जिले में स्थित सबरीमाला पहाड़ी पर जाने के तीनों मुख्य रास्तों पंबा, निलाक्कल और एरुमेली सहित विभिन्न जगहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए।

राज्य के कुछ हिस्सों से केरल राज्य परिवहन निगम की बसों पर पथराव हुआ। हालांकि कुछ क्षेत्रों में निजी वाहन चल रहे हैं। पुलिस ने प्रदर्शनों और हिंसा पर लगाम लगाने के लिए पंबा और शनिधानम सहित चार जगहों पर निषेधाज्ञा लागू की है। पुलिस ने प्रदर्शन करने वाले छह भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है।

Sabarimala strike


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