देश के दूसरे चंद्र मिशन में होंगे 13 भारतीय पेलोड, नासा का एक उपकरण भी होगा शामिल- ISRO
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को बताया कि देश के दूसरे चंद्र मिशन में 13 भारतीय पेलोड (अंतरिक्ष यान का हिस्सा) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का एक उपकरण शामिल ह
बेंगलुरु, प्रेट्र। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को बताया कि देश के दूसरे चंद्र मिशन में 13 भारतीय पेलोड (अंतरिक्ष यान का हिस्सा) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का एक उपकरण शामिल होगा।
इसरो ने कहा, '13 भारतीय पेलोड (ऑर्बिटर पर आठ, लैंडर पर तीन व रोवर पर दो) और एक अमेरिकी पैसिव एक्सपेरिमेंट (उपकरण)..।' हालांकि, इसरो ने इनकी उपयोगिता या उद्देश्य के बारे में जानकारी नहीं दी। 3.8 टन वजनी इस अंतरिक्ष यान के तीन मॉड्यूल हैं। इनमें ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) व रोवर (प्रज्ञान) शामिल हैं। इससे पहले नासा ने कहा था कि चंद्रयान-2 की लांचिंग 9-16 जुलाई 2019 के बीच होनी है। इसके लिए सभी मॉड्यूल को तैयार किया जा रहा है। उम्मीद है कि चंद्रयान-2 छह सितंबर को चांद पर उतर जाएगा।
इसरो के मुताबिक इस अभियान में जीएसएलवी मार्क-3 प्रक्षेपण यान का इस्तेमाल किया जाएगा। ऑर्बिटर चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की दूरी पर उसका चक्कर लगाते हुए वैज्ञानिक प्रयोग करेगा। लैंडर (विक्रम) चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा और रोवर (प्रज्ञान) अपनी जगह पर प्रयोग करेगा। इन दोनों में भी प्रयोग के लिए उपकरण लगाए गए हैं।
इसरो चेयरमैन के. सिवन ने जनवरी में कहा था, 'हम (चंद्रमा पर) उस जगह पर उतरने जा रहे हैं, जहां कोई नहीं पहुंचा है..यानी चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर। इस क्षेत्र को अब तक खंगाला नहीं गया है।' चंद्रयान-2 पिछले चंद्रयान-1 मिशन का उन्नत संस्करण है। चंद्रयान-1 अभियान करीब 10 साल पहले किया गया था।
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