मुंबई में बेस्ट की हड़ताल दूसरे दिन जारी, यात्री बेहाल
मुंबई में बेस्ट बसों के ड्राइवरों और कंडक्टरों की हड़ताल के दूसरे दिन भी जारी रहने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, लोगों की परेशानियों को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार के पास अब एस्मा लगाने का ही विकल्प बचा है।
मुंबई। मुंबई में बेस्ट बसों के ड्राइवरों और कंडक्टरों की हड़ताल के दूसरे दिन भी जारी रहने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, लोगों की परेशानियों को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार के पास अब एस्मा लगाने का ही विकल्प बचा है।
बेस्ट के ड्राइवर और कंडक्टर सोमवार को अचानक हड़ताल पर चले गए थे। वे बेस्ट प्रशासन द्वारा जारी नए नियम को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, जिससे उनकी ड्यूटी का समय आठ घंटे से बढ़कर 12 घंटे हो गया है। सोमवार को 26,000 ड्राइवरों और कंडक्टरों के अचानक हड़ताल पर चले जाने की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। हड़ताल की वजह से मुंबई में 335 रूट प्रभावित हैं। हाईकोर्ट द्वारा हड़ताल को गैरकानूनी करार दिए जाने के बाद बुधवार को सिर्फ तीन ड्राइवर और आठ कंडक्टर ही काम पर लौटे हैं।
हड़तालीकर्मियों की मांग है कि ड्यूटी चार्ट को हाथ से तैयार किया जाए। बेस्ट प्रशासन ने ड्राइवरों और कंडक्टरों की कुशलता बढ़ाने के उद्देश्य से ड्यूटी चार्ट को कंप्यूटराइज किया था।
उल्लेखनीय है कि नई कंप्यूटरीकृत समय सारणी व्यवस्था के विरोध में बेस्ट के चालकों और कंडक्टों के सोमवार को अचानक हड़ताल पर जाने और इसके नतीजतन हजारों यात्रियों के फंस जाने के कुछ घंटे बाद बाम्बे हाईकोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से हड़ताल खत्म कर तत्काल काम पर लौट जाने का निर्देश दिया था।
सोमवार को न्यायमूर्ति एनएम जामदार ने बृहन्मुम्बई बिजली आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) के आवेदन पर सुनवाई करते हुए ट्रांसपोर्ट यूनियन को निर्देश दिया था कि वे अपने सदस्यों से हड़ताल खत्म कर तत्काल काम पर लौटने को कहे।
बेस्ट ने यह कहते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि औद्योगिक न्यायालय ने नई कंप्यूटीकृत समय सारणी प्रणाली लागू करने का निर्देश दिया था, उसके बावजूद कर्मचारी अचानक हड़ताल पर चले गए जिससे शहर थम सा गया और यात्री तथा विद्यार्थी फंस गए।
न्यायमूर्ति जामदार ने कहा था कि आपने खुद को औद्योगिक न्यायालय के प्रति समर्पित कर दिया था, अतएव आपको अब उस अदालत के आदेश का पालन करना होगा। औद्योगिक न्यायालय ने पहले संवाहकों की नई समयसारिणी पर पहले स्थगन लगा दिया था। उसके बाद बेस्ट हाईकोर्ट पहुंच गया।
हाईकोर्ट ने 28 मार्च को स्थगन आदेश खारिज कर दिया और औद्योगिक न्यायालय से मामले की जल्द सुनवाई करने को कहा। अगले ही दिन औद्योगिक न्यायालय ने प्रस्तावित समय सारिणी को स्वीकृति दे दी और उसे एक अप्रैल से लागू करने को कहा।
बेस्ट के कर्मचारी पहले वाली समय सारिणी जारी रखवाना चाहते हैं, लेकिन बेस्ट का कहना है कि नई कंप्यूटरीकृत समय सारिणी से कार्यबल का अधिकतम उपयोग होगा और बसों के फेरे बढ़ेंगे और सलाना 32 करोड़ रुपये की बचत होगी।
बेस्ट की इस हड़ताल के कारण महानगर के हजारों यात्रियों को सोमवार को परेशानियों का सामना करना पड़ा। शहर की बस सेवाएं सुबह से ही प्रभावित रहीं, जिसका दफ्तर जाने वालों और परीक्षा के लिए जाने वाले स्कूली बच्चों पर सबसे ज्यादा पड़ा।