MP: तीन बेटों ने मां को घर से निकाला, एसडीएम ने सुनाई बुजुर्गों की सेवा करने की सजा
एसडीएम ने चेतावनी भी दी है कि इस आदेश का उल्लंघन करने पर तीन माह के लिए जेल भेज देंगे।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एसडीएम कोर्ट ने एक मां को सताने वाले उसके तीन बेटों को अनोखी सजा सुनाई है। 66 वर्षीय श्यामा देवांगन को सताने की सजा अब उनके बेटे वृद्धाश्रम में सेवा कर पूरी करेंगे। इसके लिए तीनों बेटों को माह में एक दिन आश्रम में सेवा करते हुए बिताना होगा। ताकि एकांकी जीवन जीने वाले वृद्धजनों की वृद्धावस्था की परेशानी दुख और पीड़ा का तीनों को सही ज्ञान हो सके। वहीं, 6 माह बाद इसके प्रमाण एसडीएम गोविंदपुरा कार्यालय में जमा कराना होगा।
यह आदेश सोमवार को एसडीएम मुकुल गुप्ता ने उनके यहां चल रहे श्यामा देवांगन के मामले में दिए। एसडीएम ने अपने आदेश में जिक्र किया है कि तीनों बेटों को भले ही उनकी मां ने क्षमा प्रदान करते हुए माफ कर दिया हो, लेकिन समाज व कानून की नजर में किसी मां को सताना एक अपराध है। जिसके चलते इसका मूल्य उन्हें चुकाना ही होगा।
इसके अलावा तीनों बेटों को 5-5 हजार रुपए प्रतिमाह हर महीने की पांच तारीख को श्यामा देवांगन के खाते में जमा करवाना होगा। इतना ही नहीं माह में दो बार और जन्मदिन पर जाकर देखरेख की दृष्टि से पूरे परिवार के साथ जाना होगा और उनका आशीर्वाद लेना होगा। इसके साथ ही एसडीएम ने चेतावनी भी दी है कि इस आदेश का उल्लंघन करने पर तीन माह के लिए जेल भेज देंगे।
थाना प्रभारी को भी दिए आदेश
इधर, थाना प्रभारी पिपलानी को आदेश जारी किया है कि वे दो माह में स्वयं अपने किसी प्रतिनिधि द्वारा श्यामा देवांगन के निवास स्थान एलाआईजी 139 ए-सेक्टर सोनागिरी पिपलानी पेट्रोल पंप के पास जाकर उनका हाल चाल जानें। एसडीएम कोर्ट को इस निरीक्षण की सूचना भी प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
बता दें कि बेटों द्वारा घर से निकाले जाने के बाद बुजुर्ग मां एमपी नगर के एक होटल में रह रही थी। यहां से उन्होंने हक की लड़ाई लड़ी। आखिर अब वे सम्मान के साथ अपने घर में रह सकेंगी। बता दें कि इससे पहले मां 15 साल से डीजीएम बेटे के साथ रही थी।
ये है मामला
66 साल की बुजुर्ग मां श्यामा देवांगन ने प्रॉपर्टी में हिस्सा नहीं मिलने पर दो दिन पहले ही गोविंदपुरा एसडीएम कोर्ट में केस दायर किया था। एलआईजी ए-सेक्टर सोनागिरी निवासी श्यामा के पति जीएस देवांगन भेल में फोरमैन थे। वर्ष-1999 में उनकी मौत हुई थी। महिला के तीन बेटे हैं। इनमें जोन-1 एमपी नगर निवासी दीपक देवांगन चार्टर्ड अकाउंटेंट है।
दूसरा बेटा अरुण एमआईजी-265, अरविंद विहार में रहता है। वह भेल में डीजीएम है। तीसरा बेटा प्रकाश बेंगलुरू में रहता है। श्यामा ने आरोप लगाया था कि अरुण और उसकी पत्नी युगांक्षी ने 10 तोला सोने के जेवर और आधा किलो चांदी अपने पास रख लिए थे। इसके बाद उन्हें घर से बेदखल कर दिया। तीनों बेटों के पास पर्याप्त दौलत है, फिर भी बुढ़ापे में वे मुझे नहीं रख रहे हैं। बार-बार कहने के बाद भी वे मुझे प्रॉपर्टी में हिस्सा नहीं दे रहे हैं। मां की पीड़ा को देखते हुए दो दिन तक लगातार सुनवाई हुई। एसडीएम की सख्ती से बेटों को अपनी गलती का अहसास हुआ।