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पीएम मोदी के एक्‍शन से वैज्ञानिक भी हैरान, जानें जनता क‌र्फ्यू से कैसे लगेगी संक्रमण पर लगाम

दुनिया के वैज्ञानिक और शोधकर्ता पीएम मोदी के इस अनोखे विचार पर हैरान हैं। वैज्ञानिकों की मानें तो जनता कर्फ्यू कोरोना संक्रमण के कड़ी की अहम काट बन सकता है। जानें कैसे...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 22 Mar 2020 09:33 PM (IST)Updated: Sun, 22 Mar 2020 11:53 PM (IST)
पीएम मोदी के एक्‍शन से वैज्ञानिक भी हैरान, जानें जनता क‌र्फ्यू से कैसे लगेगी संक्रमण पर लगाम

नई दिल्ली, जेएनएन। बीते शुक्रवार को आठ बजने का पूरा देश इंतजार कर रहा था। लोगों के दिलोदिमाग में आशंका और उम्मीद दोनों के संयुक्त भाव तैर रहे थे। पूर्व में आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का टीवी पर आकर देश को संबोधित करने की बात उसके संज्ञान में थी। कोरोना महामारी के बीच प्रधानमंत्री ने शुक्रवार रात आठ बजे 29 मिनट तक देश को संबोधित किया और लोगों से उनका समय मांगा। प्यारे देशवासियों, मुझे एक दिन का आपका समय चाहिए। उनकी इस सहज इच्छा का मर्म उस समय भले ही किसी की समझ में न आया हो, लेकिन पूरे देश का एक दिन के लिए घर में बंद हो जाने की अभूतपूर्व प्रक्रिया (जनता क‌र्फ्यू) कोरोना वायरस के संक्रमण की कड़ी की अहम काट बनने की उम्मीद लगाई जा रही है। दुनिया के वैज्ञानिक और शोधकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस अनोखे विचार पर हैरान हैं। अब प्रधानमंत्री मोदी के इस आह्वान को कई राज्यों ने 31 मार्च तक बढ़ा दिया है। राज्यों का यह कदम कोरोना की कमर तोड़ने में बहुत प्रभावशाली रहने की संभावना है।

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कई वैज्ञानिक शोध मानते हैं कि जनता कर्फ्यू के माध्यम से पूरे देश को दुनिया से आइसोलेट (अलग-थलग) करना वायरस से नए संक्रमण को रोकने में रामबाण साबित हो सकता है। कोरोना वायरस की नए स्ट्रेन कार्यप्रणाली पर अभी बहुत अध्ययन नहीं हो पाए हैं। हालांकि माना जा रहा है कि यदि वायरस के संक्रमण को तीसरे चरण में जाने से रोक दिया जाए तो इससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। यही वजह है कि दुनिया के तमाम देश लॉकडाउन और लोगों को आइसोलेट करने पर जोर दे रहे हैं। फ‍िलहाल फौरी उपाय तो यही कहते है। 

वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO का मानना है कि कोरोना को हराने के लिए शहरों और देशों को लाकडाउन करने के साथ साथ जन स्वास्थ्य के पर्याप्‍त इंतजाम भी करने होंगे नहीं तो यह बीमारी फिर पनप सकती है।हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने युवाओं को कोरोना वायरस से फैली बीमारी के खतरे से आगाह करते हुए कहा है कि वे खुद को अजेय न समझें। डब्लूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडहैनम ने कहा है कि यदि आप खुद बीमार नहीं पड़ते लेकिन कहीं जाते हैं किसी से मिलते हैं तो आप उनके लिए भी मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि संयम से इस बीमारी से बचा जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस वायरस पर दिए संबोधन में बचाव और संयम को प्राथमिकता दी थी। चूंकि कोरोना वायरस के संक्रमण का अभी तक कोई इलाज नहीं ढूंढ़ा जा सकता है। इसलिए माना जा रहा है कि इसके संक्रमण से बचाव करके ही इसे फैलने से रोकने का माकूल उपाय है। पीएम मोदी की अपील को जिस तरह से पूरे देश में समर्थन मिला है उससे हैरानी स्‍वाभाविक है।  


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