सीमा पर गोलियों की तड़तड़ाहट से सहमें मासूम बच्चे, डर के कारण स्कूल में कैद
पाकिस्तानी सेना द्वारा हो रही गोलीबारी से स्कूल में बच्चों को रोक दिया गया है। स्कूल के हेडमास्टर का कहना है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा भारी गोलीबारी बंद होने के बाद ही हम बच्चों को घर जाने के देंगें।
जम्मू-कश्मीर। पाकिस्तानी सेना ने आज एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान ने राजौरी के मंजकोट पर मोर्टार और बमों से हमला किया है। भारतीय सेना भी जबावी कार्रवाई कर रही है। पाकिस्तानी सेना द्वारा हो रही गोलीबारी से स्कूल में बच्चों को रोक दिया गया है। स्कूल के हेडमास्टर का कहना है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा भारी गोलीबारी बंद होने के बाद ही हम बच्चों को घर जाने के देंगें।
वहीं पाकिस्तान की अोर से पुंछ में एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन किया गया है। गोलीबारी में बीएसएफ के दो जवान घायल हो गए हैं। डीसी राजोरी डा शाहिद इक्बाल ने टवीट किया है कि पाकिस्तान द्वारा तारकुंडी गली, लंबी बारी, खोरीनार, धार और पंजग्रांई क्षेत्र में भारी गोलीबारी की जा रही है। पाकिस्तानी सैनिकों ने भिंबर गली सेक्टर में भी सुबह से गोलीबारी जारी रखी है। भारतीय सैनिकों द्वारा पाकिस्तानी गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार भारी गोलीबारी के चलते जहां एक तरफ स्कूलों को बंद कर दिया गया है वहीं परीक्षा केन्द्रों को भी शिफ्ट कर दिया गया है। गौरतलब है कि मार्च महीना होने से बहुत से बच्चों की परीक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शिक्षा प्रशासन ने परीक्षा केन्दों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है।
उरी सेक्टर में पाक गोलाबारी के कारण 500 लोगों का पलायन
इस बीच पाकिस्तान की सेना जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी से लगे गांवों को निशाना बना रही है। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने बताया कि पाकिस्तानी गोलीबारी व गोलाबारी के कारण करीब 500 लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं। वे कहीं ओर रहने को मजबूर हुए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा नियमित तौर पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने की वजह से सिलीकोट, बालकोट, तिलवाड़ी, चुरांडा और बाटगढ़ के निवासियों ने अपना घर छोड़ना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती गांवों से विस्थापित इन लोगों को उरी शहर में सरकारी स्कूल में अस्थाई शिविरों में ठहराया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन विस्थापितों का पंजीकरण कर रहा है और उन्हें सुविधा मुहैया करा रहा है। निवासियों ने मांग की है कि सरकार सुनिश्चित करे कि संघर्ष विराम का उल्लंघन नहीं हो या सुरक्षित स्थानों पर इन लोगों का पुनर्वास करे जहां वे बिना डर के रह सकें।
अस्थाई शिविर में रहने को मजबूर
गुलाम मोहम्मद मीर ने कहा कि हम भारत और पाकिस्तान की सरकारों से चाहते हैं कि वे संघर्ष विराम का उल्लंघन बंद करें, क्योंकि इसने हमारी जिंदगियों को मुश्किल बना दिया है। अगर सरहद पर गोलाबारी और गोलीबारी जारी रहती है तो राज्य सरकार को हमें सुरक्षित स्थानों पर प्लॉट देना चाहिए ताकि हम अमन चैन से रह सकें। इससे पहले सोमवार को पाकिस्तानी गोलीबारी के मद्देनजर थजाल और सोनी के निवासियों को पुलिस सुरक्षित स्थानों पर लेकर गई।