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1 जुलाई से खुलेगा सुप्रीम कोर्ट, राफेल व अयोध्‍या जैसे कई अहम मामलों की होगी सुनवाई

लंबी छ़ुट्टी के बाद सोमवार से खुल रहे सुप्रीम कोर्ट में राफेल अयोध्‍या और राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना समेत कई अहम मामलों की सुनवाई की जाएगी।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 29 Jun 2019 04:42 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2019 04:46 PM (IST)
1 जुलाई से खुलेगा सुप्रीम कोर्ट, राफेल व अयोध्‍या जैसे कई अहम मामलों की होगी सुनवाई
1 जुलाई से खुलेगा सुप्रीम कोर्ट, राफेल व अयोध्‍या जैसे कई अहम मामलों की होगी सुनवाई

नई दिल्‍ली, प्रेट्र। 6 हफ्ते के ग्रीष्‍मावकाश के बाद सोमवार, 1 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट खुल रहा है। दोबारा काम-काज शुरू होते ही कोर्ट में काफी अहम मामलों की सुनवाई की जाएगी। अयोध्‍या विवाद, राफेल समीक्षा याचिकाओं और राहुल के खिलाफ अवमानना मामला शामिल है।

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चीफ जस्‍टिस रंजन गोगोई की अध्‍यक्षता में 31 जजों के साथ सुप्रीम कोर्ट राफेल मामले में समीक्षा याचिका में अपना फैसला सुनाने वाली है। इन याचिकाओं में एक याचिका पूर्व केंद्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्‍हा और अरुण शौरी की है। इस याचिका में फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस सभी याचिकाओं को 14 दिसंबर, 2018 को खारिज कर दिया था।

साथ ही तीन जजों वाली एक बेंच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 'चौकीदार चोर है टिप्पणी में सुप्रीम कोर्ट का गलत हवाला देने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की ओर से दायर अवमानना याचिका पर भी सुनवाई करेगी। हालांकि राहुल गांधी इस मामले में माफी मांग चुके हैं और अवमानना की कार्रवाई बंद करने का आग्रह किया है।

राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एफ. एम. कलीफुल्ला की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय पैनल ने मामले का सौहार्दपूर्ण हल निकालने के लिए सुनवाई की थी। इस पैनल में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पांचू भी शामिल हैं। इस फैसले का इंतजार सबको है। इन्हें आशा है कि इस विवादित मुद्दे का कोई ना कोई सौहार्द्रपूर्ण हल जरुर निकलेगा। न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने पैनल को 15 अगस्त तक का वक्त दिया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 याचिकाएं दायर की गई हैं। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या की विवादित 2.77 एकड़ जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लल्ला में बराबर-बराबर बांट दिया था।

साथ ही कोर्ट वकीलों इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर तथा उनके एनजीओ ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ के खिलाफ जांच करने और प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर भी सुनवाई करेगी। उनपर विदेशों से चंदा लेने और उस धन का इस्तेमाल करने में नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। यह याचिका वकीलों के एक स्वयंसेवी संस्थान ‘लॉयर्स वॉइस’ ने दायर की है।

सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 370 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली भाजपा नेता व वकील अश्विनी उपाध्याय की जनहित याचिका पर भी सुनवाई करेगी जो जम्‍मू कश्‍मीर को विशेष दर्जा देती है और संसद को राज्‍य के लिए कानून बनाने को लेकर सीमा तय करती है। साथ ही जम्मू-कश्मीर से ही जुड़े संविधान के अनुच्छेद 35ए पर भी सुनवाई की जाएगी।


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