सुप्रीम कोर्ट में सपा नेता आजम खान की याचिका पर सुनवाई कल, जौहर यूनिवर्सिटी पर राज्य सरकार की कार्रवाई का है मामला
साल 2006 में ट्रस्ट द्वारा प्राइवेट यूनिवर्सिटी मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई थी और इसके चांसलर आजम खान हैं। चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस एस रविंद्र भट और जेबी पारदीवाला ने आजम खान की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल के सबमिशन पर गौर किया।
नई दिल्ली,एजेंसी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रामपुर के जौहर यूनिवर्सिटी पर कथित कार्रवाई को लेकर समाजवादी पार्टी आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसपर गुरुवार को सुनवाई की जाएगी। याचिका में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी पर राज्य सरकार की ओर से कार्रवाई की जा रही है। इसकी एक दीवार को भी गिरा दिया गया है। बता दें कि आजम खान की ओर से पक्ष रखने वाले कपिल सिब्बल हैं।
गिराई गई यूनिवर्सिटी की दीवार
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में समाजवादी पार्टी नेता आजम खान की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की जाएगी। उनके वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि नेता पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा कुछ मामले राज्य सरकार व अन्य अथारिटी ने दायर किया है और अब यूनिवर्सिटी भी उनके पास से ले ली गई है। यूनिवर्सिटी की एक दीवार को भी गिरा दी गई थी।
2006 में यूनवर्सिटी की हुई थी स्थापना
साल 2006 में ट्रस्ट द्वारा प्राइवेट यूनिवर्सिटी मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई थी और इसके चांसलर आजम खान हैं। चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस एस रविंद्र भट और जेबी पारदीवाला ने बुधवार को आजम खान की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल के सबमिशन पर गौर किया। इसमें बताया गया है कि प्राइवेट यूनिवर्सिटी के खिलाफ अनेक कार्रवाई किए गए हैं।
बता दें कि जौहर यूनिवर्सिटी से नगर पालिका की सफाई मशीन और मदरसा आलिया से चोरी हुई किताबें व फर्निचर भी जब्त हुए हैं। इसके बाद ही स्थानीय अदालत से पुलिस ने यूनिवर्सिटी में सर्च अभियान चलाने की अनुमति मांगी थी।
सपा विधायक आजम खान के खिलाफ भ्रष्टाचार और अवैध कब्जे समेत विभिन्न आरोपों में करीब 90 मामले दर्ज हैं। करीब 27 महीने तक सीतापुर जेल में रहने के बाद इस साल की शुरुआत में उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया था।