स्वामी चिन्मयानंद को सुप्रीम कोर्ट से झटका, पीड़िता के बयान की कॉपी देने से किया इनकार
स्वामी चिन्मयानंद को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इल्लाहबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया है जिसमें स्वामी चिन्मयानंद को शाहजहांपुर के कानून की छात्रा द्वारा दर्ज किए गए बयान की कॉपी देने के लिए कहा गया था।
नई दिल्ली, एएनआइ। पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दे दिया है। दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आरोपी पूर्व भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद को शाहजहांपुर के कानून के छात्र द्वारा दर्ज किए गए बयान की कॉपी देने के लिए कहा था लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को रद्द कर दिया है।
जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इलाहबाद हाईकोर्ट के 7 नवंबर 2019 के आदेश के खिलाफ शाहजहांपुर कानून की छात्रा द्वारा की गई अपील पर ये फैसला सुनाया है। इससे पहले हाईकोर्ट द्वारा कहा गया था कि चिन्मयानंद सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज पीड़िता के बयान की प्रमाणित प्रति पाने हकदार है।
अगस्त 2019 को स्वामी शुकदेवानंद विधि महविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि, इस वीडियो में नाम लिए बिना उसने अपने साथ यौन उत्पीड़न की बात कही थी। इतना ही नहीं उसने आगे कहा था कि उसे और उसके परिवार को बड़े संत से खतरा है। छात्रा ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से न्याय की गुहार लगाई थी। वीडियो पोस्ट होने के साथ ही हंगामा मच गया था। वीडियो वायरल करने के बाद से पीड़िता लापता हो गई थी। तब पीड़िता के पिता ने शाहजहांपुर स्थित थाने में चिन्मयानंद के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। हालांकि, इससे पहले स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने एक अज्ञात मोबाइल नंबर पर 5 करोड़ रुपये मांगने का मामला दर्ज कराया था।
बता दें कि स्वामी चिन्मयानंद को यौन शोषण के आरोप में पिछसे साल सितंबर में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में चिन्मयानंद को उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर एसआईटी की टीम ने आश्रम से गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि इस साल फरवरी में अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी।
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