मानसिक रोगियों के लिए पुनर्वास गृहों पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से मांगा जवाब
अधिवक्ता एवं याचिकाकर्ता गौरव बंसल ने कहा कि 15 हजार से ज्यादा लोगों को मानसिक रोगियों के साथ रहने को मजबूर किया जा रहा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। मानसिक रोगियों के लिए पुनर्वास गृहों की स्थापना के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। दस राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ऐसे मानसिक रोगियों के लिए पुनर्वास गृहों की स्थापना संबंधी केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अमल पर अपना जवाब दाखिल कर दिया है, जो ठीक हो गए हैं या जिन्हें अब अस्पताल में रखने की जरूरत नहीं है या जो बेघर हैं या जिन्हें उनके परिवार वाले स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने नया नोटिस जारी करते हुए कहा कि जब दो हफ्ते में सभी राज्य अपना जवाब दाखिल कर देंगे तब अदालत मामले की मेरिट पर सुनवाई करेगी।
अधिवक्ता एवं याचिकाकर्ता गौरव बंसल ने कहा कि 15 हजार से ज्यादा लोगों को मानसिक रोगियों के साथ रहने को मजबूर किया जा रहा है। कुछ को छोड़कर अधिकांश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 10 जुलाई, 2017 के आदेश पर अमल नहीं किया है। इसमें केंद्र द्वारा तैयार दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए कहा गया था। मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी।