गोगोई पर यौन दुराचार के आरोप लगाने वाली पूर्व कर्मचारी बहाल, सभी मामले भी हुए बंद
पूर्व सीजेआइ रंजर गोगोई पर यौन दुराचार के आरोप लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी को बहाल कर दिया गया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने एक पूर्व महिला कर्मचारी को सेवा में बहाल कर दिया है, जिसने पिछले मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन दुराचार का आरोप लगाया था। सूत्रों के मुताबिक, महिला ड्यूटी पर वापस आने के बाद छुट्टी पर चली गई है। उसकी बकाया राशि भी उसे दे दी गई है।
जस्टिस एसए बोबडे (वर्तमान मुख्य न्यायाधीश) की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय इन-हाउस जांच समिति ने पिछले साल मई में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश को आरोपों से बरी कर दिया था। जांच समिति को महिला कर्मचारी के आरोपों में कोई आधार नहीं मिला था।
धोखाधड़ी और आपराधिक धमकी का मामला भी बंद
एक अन्य मामले में दिल्ली की एक अदालत ने पिछले साल सितंबर में महिला कर्मचारी के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक धमकी का मामला बंद कर दिया था। इस मामले में पुलिस द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए हरियाणा के झज्जर निवासी नवीन कुमार ने कहा कि वह मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते। कुमार द्वारा तिलक मार्ग पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पिछले साल तीन मार्च को महिला के खिलाफ धोखाधड़ी, धमकी और आपराधिक साजिश के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
22 जजों को हलफनामा देकर जस्टिस गोगोई पर लगाया था आरोप
कुमार ने आरोप लगाया कि महिला ने उसे सुप्रीम कोर्ट में नौकरी दिलाने का आश्वासन देकर उससे 50,000 रुपये ठग लिए। इसके बाद 10 मार्च को महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके अगले दिन एक अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। 12 मार्च को उसे जमानत मिल गई। अप्रैल में महिला ने सुप्रीम कोर्ट के 22 जजों को हलफनामा देकर जस्टिस गोगोई पर यौन दुराचार का आरोप लगाया था। बाद में उसने दावा किया कि पहले उसका तबादला किया गया और बाद में नौकरी से हटा दिया गया।