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SC ने ललित मोदी की टिप्पणी पर आदेश पारित करने से किया इनकार, कहा- 'परिपक्व हैं पक्षकार, ना दें ऐसा बयान'

सुप्रीम कोर्ट ने नसीहत दी है कि ललित मोदी को टिप्पणी करने से बचना चाहिए। बेंच ने कहा कि हम आदेश पारित नहीं कर रहे हैं लेकिन पक्षकारों को ये सलाह है कि वो वकीलों के खिलाफ कोई भी टिप्पणी ना करें।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkPublished: Fri, 27 Jan 2023 03:36 PM (IST)Updated: Fri, 27 Jan 2023 03:36 PM (IST)
SC refuses to pass order on plea against Lalit Modi

नई दिल्ली, पीटीआई। Supreme Court on Lalit Modi: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी ने वरिष्ठ अधिवक्ता व भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस संबंध में सुनवाई की। जस्टिस संजीव खन्ना और एम एम सुंदरेश की पीठ ने इस याचिका पर कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। साथ ही बेंच ने ललित मोदी (Lalit Modi) को वकीलों पर व्यक्तिगत टिप्पणी ना करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि पक्षकार काफी परिपक्व हैं, उन्हें इस तरह के बयानों से बचना चाहिए। इसके साथ अदालत ने वकीलों से इस मुद्दे को जल्द सुलझाने की भी बात कही।

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गंभीरता से नहीं लेना चाहिए मामला

कोर्ट ने कहा कि ये और कुछ नहीं बल्कि पारिवारिक गुस्सा है, जिसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। बेंच ने कहा कि हम आदेश पारित नहीं कर रहे हैं लेकिन पक्षकारों को ये सलाह है कि वो वकीलों के खिलाफ कोई भी टिप्पणी ना करें क्योंकि मध्यस्थता चल रही है। बता दें कि पिछले साल एक अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईपीएल प्रमुख और उनकी मां बीना मोदी से जुड़े एक पारिवारिक संपत्ति विवाद को निपटाने के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश आर वी रवींद्रन को मध्यस्थ के रूप में नियुक्त किया था।

'अदालत के आदेशों का उल्लंघन'

वरिष्ठ अधिवक्ता रोहतगी संपत्ति विवाद में बीना मोदी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों में से एक हैं। शुरुआत में, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ के सामने एक हलफनामा पेश किया था, जिसमें कहा गया कि जब तक मध्यस्थता चल रही है तब तक कोई पोस्ट नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद मोदी ने वकील के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी कर दी। सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि मध्यस्थता के दौरान टिप्पणियां की जा रही हैं। इन्हें हटा देना जाना चाहिए। ये अदालत के आदेशों का उल्लंघन है।

ललित मोदी के वकील ने किया बचाव

वहीं, ललित मोदी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि अदालत के आदेश का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है और ये सिर्फ गुस्से का प्रकोप था। मोदी ने इंस्टाग्राम पर अपने पोस्ट में रोहतगी के खिलाफ बयान दिया था। हालांकि, बाद के एक और पोस्ट में उन्होंने कथित तौर पर वरिष्ठ अधिवक्ता से माफी भी मांग ली थी।

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