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फास्टैग की अनिवार्यता को चुनाती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इन्कार

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक सरकार ने 15 फरवरी की मध्य रात्रि से फास्टैग को अनिवार्य बना दिया है। जिस वाहन में फास्टैग नहीं होगा उसे देश भर के इलेक्ट्रॉनिक टोल प्लाजा पर दोगुना भुगतान करना होगा।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 07:55 AM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 07:55 AM (IST)
सरकार ने 15 फरवरी की मध्य रात्रि से फास्टैग को अनिवार्य बना दिया है।

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने सभी वाहनों के लिए फास्टैग को अनिवार्य बनाने के केंद्र के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने से इन्कार कर दिया। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक सरकार ने 15 फरवरी की मध्य रात्रि से फास्टैग को अनिवार्य बना दिया है। जिस वाहन में फास्टैग नहीं होगा उसे देश भर के इलेक्ट्रॉनिक टोल प्लाजा पर दोगुना भुगतान करना होगा।

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चीफ जस्टिस एस.ए.बोबडे, जस्टिस ए.एस.बोपन्ना और जस्टिस वी. रामसुब्रमणियन की तीन सदस्यीय पीठ ने याचिकाकर्ता से वह दिल्ली हाई कोर्ट जाने की बात कहकर याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।

याचिकाकर्ता की तरफ से पेश होने वाले वकील ने पीठ से आग्रह किया कि वह दिल्ली हाई कोर्ट में जाने की छूट के साथ इस याचिका को वापस ले रहा है। वकील के अनुरोध को मंजूर कर लिया गया। इसके बाद याचिका खारिज कर दी गई।

पीठ ने कहा कि वह याचिकाकर्ता के वकील ध्रुव टम्टा के इस तर्क को स्वीकार नहीं करता है कि यह पूरे देश का मामला है। शीर्ष अदालत राजेश कुमार की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें फास्टैग को अनिवार्य करने की केंद्र की अधिसूचना को रद करने की मांग की गई है।


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