सुप्रीम कोर्ट ने दिव्यांगों को डोर-टू-डोर वैक्सीन देने पर केंद्र को भेजा नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के दिव्यांगों को डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन उपलब्ध कराने को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। साथ ही जवाब मांगा है कि इस मामले में अभी तक क्या-क्या कदम उठाए जा रहे।
नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के दिव्यांगों को डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन उपलब्ध कराने को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच कहा कि इस मामले में सालिसिटर जनरल अदालत की सहायता करने में सहयोग करें। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार बताए कि इस महत्वपूर्ण मामले में अभी तक क्या-क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
दिव्यांग टीका केंद्रों पर जाकर नहीं लगवा सकते वैक्सीन
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट को इवारा फाउंडेशन ने याचिका दाखिल कर दिव्यांग के घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने की मांग की है। इसके साथ ही इस याचिका में कहा गया है कि ये लोग सरकार द्वारा बनाए गए टीका केंद्रों पर जाकर वैक्सीन नहीं लगवा सकते, ऐसे में सरकार को जरूरत है कि वो उनके घर-घर जाकर टीकाकरण करे।
झारखंड और केरल ने लागू की यह नीति
संगठन की तरफ से अधिवक्ता ने तर्क दिया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा कहा गया कि दिव्यांग व्यक्तियों के डोर-टू-डोर टीकाकरण होना चाहिए। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि आईएमए ने सिफारिश की है कि टीकाकरण घर-घर जाकर होना चाहिए। साथ ही कहा कि झारखंड और केरल ने इस नीति को लागू भी किया है।
कोर्ट ने राज्यों को नहीं जारी किया नोटिस
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्यों को नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर राज्यों को नोटिस जारी किया गया तो तो मामले में दो हफ्ते छोड़ो, दो महीने तक जवाब का इंतजार करना होगा क्योंकि अगर राज्यों को नोटिस जारी किया तो वो जवाब देने में दो महीने तक का समय लेंगे।
वहीं आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि बहुत कम समय में करोड़ों वैक्सीन लगाने का कार्यक्रम पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर कोरोना वैक्सीनेशन में दुनिया का रिकार्ड टूटा। इस दिन 2.5 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने वैक्सीनेशन में अपना योगदान दिया। इसके लिए सभी को बधाई।