सुप्रीम कोर्ट के जज ने खुद को सुनवाई से अलग किया
दिल्ली सरकार की एक याचिका की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक जज ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया है।
नई दिल्ली (पीटीआई)। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव ने मंगलवार को दिल्ली सरकार की याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। प्रदेश सरकार ने हाई कोर्ट के चार अगस्त, 2016 को दिए केंद्र और दिल्ली के अधिकारों संबंधी फैसले को चुनौती दी है। फैसले में हाई कोर्ट ने कहा था कि राजधानी दिल्ली केंद्रशासित प्रदेश है। संविधान के अनुच्छेद 239 एए के तहत विशेष प्रावधान किए गए हैं। इस तरह दिल्ली में राष्ट्रपति के प्रतिनिधि उपराज्यपाल ही प्रशासकीय प्रमुख हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार की अर्जी पर जस्टिस एके सिकरी की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर रही है। इसमें जस्टिस राव भी हैं। जस्टिस राव ने कहा कि वह मामले में सुनवाई नहीं कर सकते हैं। उन्होंने मुकदमे की अगली तिथि 25 नवंबर निर्धारित कर दी।
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इससे पहले दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रह्मण्यम ने अदालत से कहा, 'आप सरकार की ओर से अधिवक्ताओं की नियुक्ति को रद करने के उपराज्यपाल के फैसले को चुनौती दी गई है। इस याचिका पर तुरंत सुनवाई होनी चाहिए, क्योंकि राज्य सरकार को अदालत में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।'
इस पर अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह मामला लंबित अपीलों के अंतर्गत आएगा, क्योंकि अभियोजकों की नियुक्ति की अनुमति देने वाले हाई कोर्ट के फैसले को भी चुनौती दी गई है। हालांकि पीठ ने कहा कि सभी अंतरिम याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई होगी।
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गत नौ सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इन्कार किया था। कोर्ट ने एलजी के 400 फाइलें मंगाने और उसे जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति को सौंपने के फैसले पर भी रोक लगाने से मना कर दिया था।