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SC ने राजस्थान पुलिस को 'एनएलयू-जोधपुर ’छात्र की मौत की जांच में दो महीने का समय दिया

सुप्रीम कोर्ट छात्र की मां द्वारा मामले को सीबीआई को हस्तांतरित करने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

By Nitin AroraEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 12:38 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 01:24 PM (IST)
SC ने राजस्थान पुलिस को 'एनएलयू-जोधपुर ’छात्र की मौत की जांच में दो महीने का समय दिया
SC ने राजस्थान पुलिस को 'एनएलयू-जोधपुर ’छात्र की मौत की जांच में दो महीने का समय दिया

नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान पुलिस को 2017 में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एनएलयू) -जोधपुर के छात्र की संदिग्ध मौत की जांच पूरी करने के लिए दो महीने की समय-सीमा दी है। सुप्रीम कोर्ट, छात्र की मां द्वारा मामले को सीबीआई को हस्तांतरित करने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसपर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राजस्थान पुलिस को अंतिम दो महीना का समया दिया है। इसके बाद कोर्ट CBI को जांच सौंपने पर विचार कर सकता है। मामले में अगली सुनवाई जुलाई के पहले सप्ताह में होगी।

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जानकारी के मुताबिक, एनएलयू के 5वें सेमेस्टर में अध्ययनरत विक्रांत नागैच 13 अगस्त 2017 को विश्वविद्यालय से बाहर गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा। अगले दिन 14 अगस्त 2017 को सुबह नौ बजे यूनिवर्सिटी के सामने रेल की पटरियों पर वह मृत अवस्था में मिला। जून 2018 में अज्ञात व्यक्ति द्वारा हत्या करने का मामला दर्ज किया गया।

इसके बावजूद आठ महीने तक जांच नहीं होने पर मृतक के पिता कर्नल जयंत कुमार (रिटायर्ड) ने एसआईटी गठन को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने यह याचिका गत फरवरी में ही निस्तारित कर दी थी। जांच व हाईकोर्ट के फैसले से असंतुष्ट मृतक के माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।

छात्र की मां की ओर से दायर याचिका में इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का आग्रह किया गया, ताकि सच सामने आ सके। उन्होंने कहा कि राजस्थान पुलिस ने इस मामले की जांच में लापरवाही बरती है। उसके बच्चे की मौत को आत्महत्या बता दिया गया था, जबकि शव पर चोट के निशान मिले थे, इस आधार पर आत्महत्या नहीं हो सकती।

मां ने सुप्रीम कोर्ट के यह भी ध्यान में लाया कि घटना के दस महीने तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई व तीन साल होने को आए हैं, अभी तक चार्जशीट पेश नहीं की गई है। पुलिस ने कई महत्वपूर्ण गवाहों की भी अनदेखी की है।


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