निकाह हलाला, बहुविवाह मामले में होगी सुनवाई, लेकिन केंद्र का जवाब आने के बाद
मुस्लिम समुदाय में प्रचलित बहुविवाह और निकाह हलाला को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जताई है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मुस्लिम समुदाय में प्रचलित बहुविवाह और निकाह हलाला को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सूचिबद्ध करने पर सहमति जताई है। हालांकि मामले पर तत्काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट इंकार कर दिया। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविल्कर ओर जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रतिक्रिया दर्ज कराने के बाद मामले पर सुनवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि केंद्र का जवाब आने के बाद मामला संविधान पीठ में लगाया जाएगा। केंद्र ने कहा है कि हम जवाब दाखिल करेंगे। इस मामले में कोर्ट ने 26 मार्च को नोटिस जारी किया था।
बता दें कि निकाह हलाला के तहत मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति को अपनी तलाकशुदा पत्नी से फिर से शादी की अनुमति है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस एएम खानविल्कर और डीवाई चंद्रचुड़ की बेंच ने सीनियर एडवोकेट वी शेखर के सबमिशन पर विचार किया कि अंतिम फैसले के लिए याचिकाओं को पांच सदस्यीय जजों के संवैधानिक बेंच के समक्ष पेश किया जाएगा। बेंच ने कहा, ‘हम मामले को देखेंगे।‘
दिल्ली की याचिकाकर्ता समीना बेगम की ओर से शेखर और वकील अश्विनी उपाध्याय का कहना है कि उन्हें निकाह हलाला को चुनौती देने वाली याचिका को वापस लेने के लिए डाराया-धमकाया गया। इस बीच बेंच ने एडीशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को केंद्र की ओर से मामले पर याचिका के लिए प्रतिक्रिया दर्ज कराने की अनुमति दी।