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सरबजीत के भाई-बहन का दावा, दलबीर से नहीं कोई रिश्ता

पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में 23 सालों तक रहने के बाद दम तोड़ने वाले भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह मामले ने दो साल के बाद नया मोड़ ले लिया है। सरबजीत सिंह की बहन के तौर जानी जाने वाली दलबीर कौर के रिश्ते पर सवालिया निशान लग गया है।

By Murari sharanEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2015 07:55 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2015 12:18 AM (IST)
सरबजीत के भाई-बहन का दावा, दलबीर से नहीं कोई रिश्ता

जागरण संवाददाता, जालंधर। पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में 23 सालों तक रहने के बाद दम तोड़ने वाले भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह मामले ने दो साल के बाद नया मोड़ ले लिया है। सरबजीत सिंह की बहन के तौर जानी जाने वाली दलबीर कौर के रिश्ते पर सवालिया निशान लग गया है।

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सरबजीत की बहन बलजिंदर कौर व भाई हरभजन सिंह के साथ आए भाजपा नेता एमपी सिंह गोराया ने कई सनसनीखेज दावे किए हैं। कहा गया कि दलबीर कौर का सरबजीत के साथ कोई रिश्ता नहीं है। मामले को स्पष्ट करने के लिए डीएनए टेस्ट की मांग की गई।

वहीं, अपने ऊपर लगे आरोपों पर दलबीर कौर ने कहा कि उनके परिवार के विरुद्ध सोची समझी साजिश के तहत षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। वह सरबजीत की बहन थी या नहीं, इसका प्रमाण पत्र किसी से लेने या देने की जरूरत नहीं है, जब सरकार पूछेगी तो वह जानकारी देंगी।

सोमवार को प्रेस क्लब में दावा किया गया कि सरबजीत के पिता का नाम सुलखन सिंह नहीं, बल्कि महंगा सिंह है। महंगा सिंह की 10 संतान थीं जिनमें छह भाई तथा चार बहनें हैं। बलजिंदर कौर और हरभजन सिंह ने कहा कि पारिवारिक सदस्यों में कहीं भी दलबीर कौर का नाम नहीं है। दलबीर ने भाई को जेल से रिहा करवाने का दावा करते हुए उससे जुड़े तमाम सरकारी दस्तावेज उनसे ले लिए।

यही नहीं, सरबजीत को रॉ का एजेंट होने की बात कहते हुए पूरे परिवार को अपने हिसाब से चलाती रही। उसने भारत व पाकिस्तान सरकार को गुमराह कर अपनी बेटी स्वप्नदीप कौर को नायब तहसीलदार बनाने से लेकर सहायता राशि हासिल कर ली है। बलजिंदर कौर ने दावा किया कि पाकिस्तान के मानवीय अधिकार मामले के प्रभारी अंसार बर्नी ने दलबीर कौर को ब्लड मनी अदा करके सरबजीत की रिहाई की पेशकश की थी, जिसे दबा दिया गया।

पूरा देश जानता है मेरे बारे में

मंगलवार को अमृतसर में दलबीर कौर ने कहा कि भाई-बहन होने का दावा करने वाले उस समय कहां थे जब सरबजीत पाकिस्तान की जेल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा था। पूरे देश को पता है कि भाई सरबजीत के लिए वह भारत-पाकिस्तान सरकारों का दरवाजा खटखटाती रही हैं। परिवार पर लगाए गए आरोपों के बारे में वह अदालत में जाने पर गंभीरता से विचार कर रही है।


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