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लाहौर से लौटीं दलबीर ने पीएम को सुनाई खरी-खोटी

अटारी [अशोक नीर]। लाहौर के जिन्ना अस्पताल में जिंदगी व मौत के बीच जूझ रहे भारतीय कैदी सरबजीत से मिलने गया उनका परिवार हालत में सुधार न होते देख बुधवार को निराश होकर वतन लौट आया। बुधवार को पाकिस्तान से लौटने के बाद अटारी सड़क सीमा पर उनकी बहन दलबीर कौर के सब्र का बांध टूट गया। भाई के इलाज में लापरवाही पर पाकिस्तान को तो कोसा ही, ढुलमुल नीति के लिए भारत सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया। आरोप लगाया, सरबजीत पर दोनों देशों ने मिलकर हमला करवाया है।

By Edited By: Published: Wed, 01 May 2013 11:36 AM (IST)Updated: Wed, 01 May 2013 09:58 PM (IST)

अटारी [अशोक नीर]। लाहौर के जिन्ना अस्पताल में जिंदगी व मौत के बीच जूझ रहे भारतीय कैदी सरबजीत से मिलने गया उनका परिवार हालत में सुधार न होते देख बुधवार को निराश होकर वतन लौट आया। बुधवार को पाकिस्तान से लौटने के बाद अटारी सड़क सीमा पर उनकी बहन दलबीर कौर के सब्र का बांध टूट गया। भाई के इलाज में लापरवाही पर पाकिस्तान को तो कोसा ही, ढुलमुल नीति के लिए भारत सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया। आरोप लगाया, सरबजीत पर दोनों देशों ने मिलकर हमला करवाया है।

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पत्रकारों से बातचीत में दलबीर ने कहा -'सरकार ने सरबजीत को भारत लाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। अपने ही देश के नागरिक की सुरक्षा करने में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नाकाम रहे हैं। उन्हें अपनी कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। सरकार ने सरबजीत के मुद्दे पर परिवार से नहीं, पूरे देश के साथ धोखा किया है।' उन्होंने कहा कि सरबजीत को वापस लाने के लिए वह अंतिम बार प्रधामंत्री मनमोहन सिंह, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से मिलने के लिए परिवार के साथ दिल्ली जाएंगी।

भाई की हालत से दुखी बहन ने यहां तक कहा दिया कि प्रधानमंत्री की कुर्सी पर मिट्टी का खिलौना बैठा हुआ है। वह उसके आगे प्रार्थना ही कर सकती है। सरबजीत की पत्‍‌नी सुखप्रीत कौर ने कहा - 'मैं कितनी बदनसीब हूं कि पति से मिली भी तो वह जिंदगी व मौत के बीच जूझ रहे थे। उनके साथ कोई बात नहीं कर पाई। बेटियां स्वपनदीप व पूनम उन्हें देख कर फफक कर रोने लगी थी।'

ट्रक के आगे लेट जाऊंगी

दलबीर ने कहा कि यदि केंद्र सरकार ने सरबजीत को बचाने के लिए कोई प्रयास न किए तो वह अटारी सड़क सीमा पर ट्रकों के आगे लेट जाएंगी। समझौता एक्सप्रेस की पटरियों के समक्ष बैठ जाएंगी। दलबीर ने आशंका प्रकट की है कि उनके वतन लौटने के बाद पाकिस्तान की सरकार सरबजीत को मारने की साजिश भी रच सकता है। वह तीन दिन तक लाहौर रहीं। इस दौरान वह केवल पांच बार ही अपने भाई से मिल पाई।

भारतीय डॉक्टरों की टीम जाए

बहन ने कहा कि भारत सरकार सरबजीत के जीवन के लिए एक उच्चस्तरीय डॉक्टरों की टीम वहां भेजे। भारतीय डॉक्टर उसका इलाज करें क्योंकि पाकिस्तानी डॉक्टरों पर उन्हें विश्वास नहंीं है। सरबजीत क्लीनिकल डेड नहीं है। डॉक्टर उन्हें गुमराह कर रहे हैं।

छह कैदियों ने किया था हमला

दलबीर ने बताया- 'सरबजीत पर कोट लखपत जेल में उसकी बैरक के भीतर घुसकर हमला किया गया। छह पेशेवर अपराधियों के लिए बैरक का दरवाजा खोला गया और उन्हें हथियार उपलब्ध करवाए गए। पाकिस्तान सरकार ने इस संदर्भ में जो भी जांच करवाई है, वह झूठी है। जेल के किसी भी अधिकारी को निलंबित नहीं किया गया है। केवल दो अपराधियों के नाम पाकिस्तान सरकार ने लिए है। भारत सरकार इस पूरे मामले की जांच के लिए पाकिस्तान में एक टीम भेजे।'

पाकिस्तान में था खतरा

दलबीर कौर ने कहा कि पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा ने परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी। इस बात की जानकारी उनकी सुरक्षा में तैनात कर्मियों ने उन्हें दी थी। पाकिस्तान में जान का भय था। परिवार के सभी सदस्य एक ही गाड़ी में बैठ कर होटल से अस्पताल में जाते थे। वह दोबारा पाकिस्तान जाएंगी।

करारा जवाब दे भारत: हेमा

वृंदावन। अभिनेत्री व भाजपा सांसद हेमा मालिनी का कहना है कि सरकार को सरबजीत पर हुए हमले के मामले में पाकिस्तान को करारा जवाब देना चाहिए। सरबजीत को तत्काल भारत लाकर उसका उपचार कराना चाहिए। वह बुधवार को बांके बिहार मंदिर में दर्शन करने आई थीं।

अपने जमाने की प्रसिद्ध नायिका ने कहा कि पाकिस्तान में भारतीय नागरिकों पर होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए भी भारत सरकार को पाकिस्तान पर दबाव बनाना चाहिए। भाजपा अगला लोकसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ेगी, इस सवाल पर हेमा ने कहा कि नरेंद्र मोदी इसके लिए योग्य व्यक्ति हैं। वह बतौर प्रधानमंत्री देश को अच्छा नेतृत्व दे सकते हैं।

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