हिसार कोर्ट ने संत रामपाल को दो मामलों में किया बरी, लेकिन रहना होगा जेल में
हिसार कोर्ट ने संत रामपाल को दो मामलों में बरी कर दिया है लेकिन उन्हें अभी जेल में ही रहना पड़ेगा। दरअसल उन पर और भी केस चल रहे हैं तो उनका जेल से बाहर आना अभी मुमकिन नहीं है।
हिसार, जेएनएन। न्यायिक दंडाधिकारी मुकेश कुमार की अदालत में चल रहे सतलोक आश्रम प्रकरण में बरवाला थाने में दर्ज हुए दो केसों में मंगलवार को फैसला आ गया और हिसार कोर्ट ने रामपाल को बरी कर दिया है। इसमें आश्रम संचालक रामपाल सहित अन्य आरोपी शामिल हैं। स्वयंभू रामपाल धारा 426 और 427 के मामले में बरी हो गए हैं। लेकिन उन पर अभी और भी केस चल रहे हैं तो ऐसे में उन्हें जेल में ही रहना होगा।
कानूनविदों की मानें तो जिन धाराओं के तहत केस दर्ज हैं, उनमें 3 साल तक की सजा का प्रावधान होता है। नवंबर 2014 से रामपाल व अन्य अभियुक्त जेल में बंद हैं।
आपको बता दें कि उक्त मामलों में बहस पूरी होने के बाद 24 अगस्त को फैसला सुनाया जाना था, मगर 25 अगस्त को पंचकूला सीबीआइ कोर्ट में साध्वी यौन शोषण मामले में डेरामुखी पर संभावित फैसले को लेकर बरवाला पुलिस के आग्रह पर अदालत ने 29 अगस्त निर्धारित की थी।
गौरतलब है कि बरवाला में हिसार-चंडीगढ़ रोड स्थित सतलोक आश्रम में नवंबर 2014 में सरकार के आदेश के बाद पुलिस ने आश्रम संचालक रामपाल के खिलाफ कार्रवाई की थी। पुलिस ने रामपाल को 20 नवंबर 2014 को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बरवाला थाने में सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने सहित अन्य धाराओं में एफआइआर नंबर 426 और जबरन बंधक बनाने सहित अन्य धाराओं में एफआइआर नंबर 427 दर्ज की गई थी।
देशद्रोह मामले में 225 अदालत में पेश
सेंट्रल जेल वन में जिला अतिरिक्त एवं सत्र न्यायाधीश अजय पराशर की अदालत में सोमवार को सतलोक आश्रम के संचालक एवं देशद्रोह मामले में अभियुक्त रामपाल और मनोज की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) से पेशी हुई। इसके अलावा जेल में बंद 14 अभियुक्तों सहित जमानत पर रिहा 935 में से महज 225 अभियुक्त ही अदालत में पेश हो सके। बचाव पक्ष के वकील ने बाकी अभियुक्तों के नहीं पहुंचने पर तर्क दिया कि डेरा प्रमुख प्रकरण के कारण प्रदेश में परिवहन सेवा बाधित है। इसके अलावा जगह-जगह कफ्र्यू लगने और धारा 144 लागू होने के कारण 710 अभियुक्त पेश नहीं हो पाए। आगामी सुनवाई के लिए 25 सितंबर की तारीख निर्धारित की गई है।
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