मैच फिक्सिंग मामले में संजीव चावला की जमानत बरकरार
30 अप्रैल को निचली अदालत ने 2 लाख रुपये के निजी मुचलके पर संजीव चावला को जमानत दी थी।
नई दिल्ली, जासं। मैच फिक्सिंग के मामले में आरोपित सट्टेबाज संजीव चावला को निचली अदालत से मिली जमानत को दिल्ली हाई कोर्ट ने बरकरार रखा है। वीडियो कान्फ्रें¨सग के जरिये सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने दिल्ली पुलिस की अपील याचिका खारिज कर दी।मालूम हो कि 30 अप्रैल को निचली अदालत ने 2 लाख रुपये के निजी मुचलके पर संजीव चावला को जमानत दी थी।
चावला ने जेल के अंदर कोरोना वायरस के खतरे के आधार पर जमानत मांगी थी।पुलिस ने जमानत के फैसले को चुनौती देते हुए कहा था कि चावला एक ब्रिटिश नागरिक हैं और उन्हें भारत वापस लाने में 20 साल लग गए। जमानत मिलने पर वह भाग सकता है। चावला के अधिवक्ता विकास पाहवा ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि चावला ने 60 दिनों में कभी भी जमानत के लिए आवेदन नहीं किया। इससे पता चलता है कि वह जांच एजेंसी के साथ सहयोग कर रहे हैं।
इससे पहले भारत-दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट मैच-फिक्सिंग मामले में प्रत्यर्पण कर दिल्ली लाए गए संजीव चावला की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने 21 फरवरी को अपना फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की पीठ ने जांच एजेंसी को तिहाड़ जेल में ही चावला से निर्धारित समयसीमा के अंदर 28 फरवरी तक पूछताछ करने का आदेश दिया था। जांच एवं पूछताछ के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की तकनीक का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई। पीठ ने कहा कि चावला को मुकदमा चलने और सजा सुनाए जाने तक तिहाड़ जेल में रखा जाए, जैसा कि भारत सरकार ने विदेशी प्राधिकारियों को आश्वासन दिया था।
12 दिन के न्यायिक हिरासत के आदेश को चुनौती देने वाली चावला की याचिका पर पीठ ने स्पष्ट किया था कि इसके बाद चावला से पूछताछ के लिए कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। पीठ ने जांच एजेंसी से कहा कि पूछताछ के दौरान चावला से सम्मानजनक व्यवहार करना होगा।