नहीं बढ़ी फरलो की मियाद, यरवदा जेल लौटे संजय
अभिनेता संजय दत्त की फरलो को लेकर तीन दिन से चल रहा ड्रामा आखिरकार समाप्त हो गया। पुणे की यरवदा जेल प्रशासन ने फरलो अवधि बढ़ाने की उनकी अपील को खारिज दिया। इसके बाद संजय ने शनिवार शाम पुणे पहुंचकर सरेंडर कर दिया।
मुंबई। अभिनेता संजय दत्त की फरलो को लेकर तीन दिन से चल रहा ड्रामा आखिरकार समाप्त हो गया। पुणे की यरवदा जेल प्रशासन ने फरलो अवधि बढ़ाने की उनकी अपील को खारिज दिया। इसके बाद संजय ने शनिवार शाम पुणे पहुंचकर सरेंडर कर दिया।
1993 में मुंबई बम धमाकों से जुड़े एक मामले में दोषी ठहराए गए संजय दत्त को पिछले माह 24 दिसंबर को 14 दिनों के फरलो पर यरवदा जेल से रिहा किया गया था। यह अवधि गुरुवार को पूरी हो गई थी, लेकिन खराब स्वास्थ्य के आधार पर फरलो बढ़ाने के लिए आवेदन किया था। उनके इस आवेदन पर यरवदा जेल प्रशासन ने मुंबई पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन स्थानीय पुलिस और जेल प्रशासन के बीच समन्वय नहीं स्थापित हो पाने के कारण इस पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका था।
जेल पहुंचकर भी संजय दत्त ने नहीं किया सरेंडर
डीआइजी (कारागार) राजेंद्र धमाने के मुताबिक, मुंबई पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर संजय के आवेदन को खारिज किया गया है। संजय ने फरलो की मियाद नहीं बढ़ाए जाने का ठीकरा मीडिया पर फोड़ा है। उनका कहना है कि मीडिया ने उनके मामले को जरूरत से ज्यादा तूल दिया। सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि हर कैदी को साल में महीने भर की छुट्टी मिलती है, जो मुझे भी कानूनी तौर पर मिली है। किसी ने मेरे ऊपर उपकार नहीं किया।
बताते चलें कि संजय गुरुवार को अपने वकील के साथ यरवदा जेल तो पहुंचे थे, लेकिन फरलो अवधि पूरी होने के बावजूद सरेंडर नहीं किया था। अभिनेता के वकील ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री राम शिंदे के समाचार चैनलों को दिए उस बयान का हवाला दिया था, जिसमें शिंदे ने कहा था कि संजय को तब तक सरेंडर नहीं करना चाहिए जब तक फरलो पर कोई फैसला नहीं हो जाता है। इसके बाद संजय पुणे से मुंबई लौट आए थे।