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लॉकडाउन में फंसी मुस्लिम परिवार की बेटी को संघ के स्वयंसेवक सुबह-शाम पहुंचा रहे खाना

महालक्ष्मी नगर और आसपास की कॉलोनियों में करीब 200 से ज्यादा स्वयंसेवक रहते हैं जिनके घर से बारी-बारी से छात्रा को खाना भिजवाया जा रहा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 20 Apr 2020 10:22 PM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2020 10:22 PM (IST)
लॉकडाउन में फंसी मुस्लिम परिवार की बेटी को संघ के स्वयंसेवक सुबह-शाम पहुंचा रहे खाना
लॉकडाउन में फंसी मुस्लिम परिवार की बेटी को संघ के स्वयंसेवक सुबह-शाम पहुंचा रहे खाना

इंदौर, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से सामाजिक दायित्वों के निभाने की परंपरा का निर्वहन कोरोना संकट के दौर में भी जारी है। इसी की बानगी तब देखने को मिली जब, प्रयागराज के एक मुस्लिम परिवार ने इंदौर में लॉकडाउन से परेशान बेटी के लिए मदद मांगी। स्वयंसेवकों ने भी मदद को लेकर तत्परता दिखाते हुए न केवल छात्रा तक आवश्यक वस्तुएं भिजवाईं बल्कि सुबह-शाम खाना भी पहुंचा रहे हैं। बेटी को लेकर चिंतित डॉक्टर मां ने परिचितों के जरिये संघ कार्यालय में संपर्क कर मदद मांगी थी।

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कलेक्टर बदलने से अनुमति निरस्त हो गई

दरअसल, प्रयागराज निवासी शिबा सिद्दीकी इंदौर के एक निजी कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई कर रही हैं। इस बीच कोरोना के चक्र को तोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने देशभर में 24 मार्च से लॉकडाउन कर रखा है। चिकित्सक नगर निवासी छात्रा शिबा ने बताया कि घर जाने के लिए मैंने कलेक्टर कार्यालय में आवेदन लगाया था। मुझे 28 मार्च को प्रयागराज जाने की अनुमति मिली। 29 मार्च को जाना तय हुआ, मगर इस बीच कलेक्टर बदलने से अनुमति निरस्त हो गई।

लॉकडाउन में फंस जाने से मां को मेरे खाने और रहने की चिंता होने लगी

यह बात मैंने अपनी मां डॉ. सलमा सिद्दीकी को बताई। उन्हें मेरे खाने और रहने की चिंता होने लगी, क्योंकि मेरे रूम में खाना बनाने का कोई सामान नहीं था। सुबह कॉलेज और शाम को मैस में खाने की व्यवस्था थी।

मां ने संघ कार्यालय से मांगी थी मदद

मां के कुछ जान-पहचान वाले लोग इंदौर में रहते हैं। उन्होंने परिवार वालों को कुछ एनजीओ और स्थानीय संघ कार्यालय का नंबर दिया। संघ कार्यालय पर फोन से संपर्क हुआ। वहां से मेरे बारे में जानकारी ली गई और मुझे छत्रसाल नगर के नगर कार्यवाह गिरीश शर्मा का मोबाइल नंबर उपलब्ध करवाया गया।

संघ के लोग छात्रा की सुरक्षा का रख रहे ध्यान और खाना का भी

छत्रसाल के नगर कार्यवाह शर्मा ने बताया कि परिवार वाले चाहते थे कि बेटी को घर का खाना उपलब्ध हो। स्वजन बेटी की सुरक्षा को लेकर भी चिंतित थे। इसके बाद खाना भिजवाने का काम महालक्ष्मी नगर में रहने वाले स्वयंसेवकों के घर से हो रहा है। साथ ही आवश्यक वस्तुएं भी पहुंचाई जाती हैं। खाना भिजवाने का काम जोगिंदर सिंह को दिया गया है। उन्होंने बताया कि महालक्ष्मी नगर और आसपास की कॉलोनियों में करीब 200 से ज्यादा स्वयंसेवक रहते हैं, जिनके घर से बारी-बारी से छात्रा को खाना भिजवाया जा रहा है।


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