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वेब टेलीस्कोप से सौरमंडल के बाहर देखे गए रेत के बादल, पृथ्वी से 40 प्रकाश वर्ष दूर ग्रह पर लगाया गया पता

इस दौरान कार्बन डाइआक्साइड के प्रमाण भी मिले हैं। यह अध्ययन द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित हुआ है। यूनिवर्सिटी आफ एक्सेटर के प्रोफेसर साशा हिंकले ने कहा कि ग्रह के कम गुरुत्वाकर्षण के कारण इसके रेत के बादल दिखाई देते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Thu, 23 Mar 2023 10:53 PM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2023 10:53 PM (IST)
शोधकर्ताओं ने बादलों की गति का अध्ययन करने के लिए अत्याधुनिक टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया था।

नई दिल्ली, पीटीआई। नासा के जेम्स वेब स्पेश टेलीस्कोप से पहली बार सौरमंडल से बाहर रेत के बादल का पता चला है। विज्ञानियों ने पृथ्वी से 40 प्रकाश वर्ष दूर वीएचएस 1256 बी नामक ग्रह पर इसका पता लगाया है।

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अत्याधुनिक टेलीस्कोप का इस्तेमाल

शोधकर्ताओं ने बादलों की गति का अध्ययन करने के लिए अत्याधुनिक टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया था। विज्ञानियों का कहना है कि यह महत्वपूर्ण खोज है, क्योंकि यह दिखाता है कि किसी अन्य ग्रह पर बादल जल वाष्प के बादलों से कैसे भिन्न हो सकते हैं, जिनसे पृथ्वी पर हम परिचित हैं।टीम ने वेब के डेटा की मदद से पानी, मीथेन और कार्बन मोनोआक्साइड की भी स्पष्ट पहचान की है।

यूनिवर्सिटी आफ एक्सेटर के प्रोफेसर ने बताया

इस दौरान कार्बन डाइआक्साइड के प्रमाण भी मिले हैं। यह अध्ययन द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित हुआ है। यूनिवर्सिटी आफ एक्सेटर के प्रोफेसर साशा हिंकले ने कहा कि ग्रह के कम गुरुत्वाकर्षण के कारण इसके रेत के बादल दिखाई देते हैं। ये वातावरण में अधिक समय तक बने रहते हैं, जिससे दूरबीन के लिए इनका पता लगाना आसान हो जाता है। अध्ययन में कहा गया कि यह ग्रह केवल 150 मिलियन वर्ष पुराना युवा ग्रह है। यह एक और कारण है कि इसका आसमान अशांत है।


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