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DRDO Chairman: समीर वी कामत DRDO के अगले अध्यक्ष नियुक्त किए गए, सतीश रेड्डी बने रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार

रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) ने डॉ समीर वी कामत को अगले अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया है। कामत 1 जुलाई 2017 से डीआरडीओ में महानिदेशक (नौसेना प्रणाली और सामग्री) के रूप में सेवा दे रहे हैं।

By Aditi ChoudharyEdited By: Thu, 25 Aug 2022 03:16 PM (IST)
DRDO Chairman: समीर वी कामत DRDO के अगले अध्यक्ष नियुक्त किए गए, सतीश रेड्डी बने रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार
समीर वी कामत DRDO के अगले अध्यक्ष नियुक्त किए गए

नई दिल्ली, एजेंसी। डॉ समीर वी कामत को रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग (DDRD) के सचिव और रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। वहीं, वर्तमान सचिव जी सतीश रेड्डी को रक्षा मंत्री का वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त किया गया है।

Present Secretary G Satheesh Reddy has been appointed as Scientific Adviser to Defence Minister pic.twitter.com/f6E6IUnrkp— ANI (@ANI) August 25, 2022

आईआईटी खड़गपुर से की पढ़ाई

डॉ समीर वी कामत 1 जुलाई 2017 से डीआरडीओ में महानिदेशक (नौसेना प्रणाली और सामग्री) के रूप में सेवा दे रहे हैं। उनका पूरा नाम डॉ समीर वेंकटपति कामत है। डॉ कामत ने 1985 में आईआईटी खड़गपुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में बीटेक इंजीनियरिंग (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की और सामग्रियों के यांत्रिक व्यवहार के क्षेत्र में विशेषज्ञता के साथ अमेरिका के द ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी से 1988 में सामग्री विज्ञान और इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की।

हाल ही के दिनों में डॉ कामत ने डीएमआरएल में दुर्लभ पृथ्वी स्थायी चुम्बक (आरईपीएम) के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं।

रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार बने सतीश रेड्डी

वहीं वर्तमान में रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी को रक्षा मंत्री का वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त किया गया है। रेड्डी ने रक्षा प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास का नेतृत्व किया हैं।

देश में शीर्ष रक्षा वैज्ञानिक के तौर पर डॉ रेड्डी ने रक्षा परिसंपत्तियों के केन्द्रबिन्दु नेविगेशन तकनीक और प्रणालियाँ को कई प्लेटफार्मों के लिए और अत्यन्त महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करते हुए डिजाइन और विकसित किया है। युवावस्था से ही इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन और सिस्टम इंजीनियरिंग पर काम करते हुए, डॉ रेड्डी ने कम समय में विभिन्न प्रमुख रक्षा प्रणालियों को तैयार किया।